एसटी /एससी पीड़ित क्षतिपूर्ति राहत राशि योजना ” के तहत विगत तीन वर्ष में 2,12,75,000/- (दो करोड़ बारह लाख पचहत्तर हजार ) रूपये थाना अजाक कोरबा के द्वारा प्रतिवेदन भेज कराई गई स्वीकृति
• वर्ष 2020 में विभिन्न प्रकरणों में एससी वर्ग में- 11,00,000/- रूपये एवं एसटी
वर्ग में- 60,25,000/- रूपये की कराई गई स्वीकृति
• अनुरक्षण मद राहत राशि के तहत 120269 /- रूपये पीड़ित–पीडिता , आश्रित
एवं प्रकरण के स्वतंत्र गवाहों के द्वारा कथन देने हेतु थाना उपस्थित साक्षियों को
चार वर्ष की अवधि में प्रदान की गई।
• वर्ष 2020 में 28,872/- रूपये जिसमें एससी वर्ग में 19,258/- रूपये एवं एसटी
में 9,614/- रूपये राहत राशि के रूप में किये गये वितरित
• “रिसेप्शन हेल्प डेस्क ” एवं “महिला हेल्प डेस्क ” के माध्यम से पब्लिक फ्रेंडली
पुलिसिंग के तहत सहज वातावरण में प्रार्थियों की शिकायत सुन किया जा रहा
निराकरण
विवरण:- श्रीमान् पुलिस अधीक्षक श्री अभिषेक मीना एवं अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक
श्री कीर्तन राठौर के दिशा निर्देश पर उप पुलिस अधीक्षक रामगोपाल करियारे के नेतृत्व
एवं मार्गदर्शन में एससी/एसटी एक्ट एवं अन्य विभिन्न प्रकरणों में पीड़ित–पीड़िता एवं
आश्रितों को शासन के नियमानुसार क्षतिपूर्ति राहत राशि एवं अनुरक्षण मद के द्वारा
सहायता राशि स्वीकृत कराई जा रही है।
• एसटी/एससी पीड़ित क्षतिपूर्ति राहत राशि योजना- इस योजना के तहत अनुसूचित
जाति/जन जाति अत्याचार निवारण अधिनियम के तहत दर्ज प्रकरणों में पीड़ित पीड़िता
एवं आश्रितों को शासन के नियमानुसार पीड़ित राहत राशि दिये जाने का प्रावधान है।
विगत
03 वर्षों में शासन की क्षतिपूर्ति योजना के तहत 2,12,75,000/- रूपये स्वीकृत कराई गई
जो पीड़ित-पीड़िता एवं आश्रित को विभिन्न किस्तों में प्रदान की जा रही है। विदित हो कि
उक्त क्षतिपूर्ति राशि पीड़ित–पीड़िता एवं आश्रित को शासन के द्वारा विभिन्न चरणों में प्रदान
किये जाते हैं जिसमें प्रथम सूचना पत्र दर्ज होने, पुलिस द्वारा अभियोग पत्र माननीय
न्यायालय पेश करने एवं अंतिम किस्त माननीय न्यायालय द्वारा प्रकरण में अंतिम निर्णय
उपरांत आरोपी को सजा मिलने पर पीड़ित-पीडिता एवं आश्रित को प्राप्त होती है।
एससी/एसटी अनुरक्षण मद- इस योजना के तहत अनुसूचित जाति/जन जाति
अत्याचार निवारण अधिनियम के तहत दर्ज प्रकरणों में पीड़ित-पीड़िता, आश्रित एवं गवाहों
को शासन के नियमानुसार अनुरक्षण मद के रूप में परिवहन / यात्रा भत्ता, दैनिक मजदूरी
भत्ता एवं आहार भत्ता प्रदान की जाती है।
थाना अजाक में SCIST प्रकरणों के तहत पंजीबद्ध प्रकरणों में पीड़ित-पीड़िता,
प्रार्थी-प्रार्थीया एवं परिजनों को कार्यालयीन कार्य या मामलों से संबंधित किसी विशेष कारणों से
विभिन्न समय पर थाना अजाक एवं मुख्यालय आना पड़ता है। विगत चार वर्षों में
1,20,269/- रूपये इस मद के तहत दैनिक मजदूरी एवं आहार भत्ता के रूप में प्रदान की
गई वहीं वर्ष 2020 में एससी वर्ग में 19,258/- रूपये एवं 9614/- रूपये एसटी वर्ग में
विभिन्न प्रकरण में कुल 28,872/-रूपये पीड़ित–पीडिता , आश्रित एवं प्रकरण के स्वतंत्र
गवाहों के द्वारा कथन देने हेतु थाना उपस्थित आने पर प्रदान की गई।थाना अजाक पूरे जिले के SC/ST प्रकरण से संबंधित मामलों को गंभीरता से
शिकायत सुनना, SC/ST वर्ग के साथ होने वाले किसी भी प्रकार की अन्याय, उत्पीड़न एवं अपराध के खिलाफ प्रकरण पंजीबद्ध कर शिकायत जांच एवं विवेचना कार्यवाही का कार्य करता है साथ ही SC/ST से संबंधित विभिन्न विषयों पर एससी/ एसटी के हित के लिए बनाई गई कानूनों के तहत कार्य, शासकीय योजनाओं, और उन्हें दिए जाने वाले राहत प्रकरणों में प्रतिवेदन जिला कार्यालय को भेजने का कार्य भी करता है। थाना-अजाक का मुख्यालय कोरबा होने से अधिकांश मामलों में दूर दूर से ग्रामीण
जन शिकायत लेकर थाना पहुंचते है साथ ही पंजीबद्ध प्रकरण से संबंधित न्यायालयीन और
कार्यालयीन नोटिस प्राप्त होने पर जिला मुख्यालय उपस्थित होना पडता है
ऐसे उक्त सभी प्रकरण में दैनिक भत्ता, यात्रा भत्ता, आहार भत्ता दिए ही जाते है साथ ही थाने में “महिला हेल्प डेस्क’ के
द्वारा SC/ST वर्ग से आने वाले समस्त बालिका एवं महिला सम्बन्धी शिकायतों को “महिला हेल्प डेस्क” थाना अजाक में अनुभवी महिला पुलिस अधिकारियों द्वारा सहज वातावरण में गंभीरता से
सुनकर उचित वैधानिक कार्यवाही किया जाता है।
थाना अजाक में उक्त के अतिरिक्त “रिसेप्शन हेल्प डेस्क” की स्थापना भी किया गया है जहाँ पर SC/ST से सम्बंधित शिकायत लेकर पहुंचने वाले आम नागरिकों, आगंतुकों और प्रार्थियों के साथ व्यवहार कुशल पुलिस अधिकारियों द्वारा ध्यान से उनके समस्याओं को सुनकर निराकरण तत्काल किया जा रहा है तत्पश्चात सहज माहौल में वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा शिकायत कर्ताओं के शिकायतों को सुनी जाती है और उचित वैधानिक कार्यवाही किया जाता है।अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम के तहत दर्ज
प्रकरणों के पीड़ित पीड़ितों को मोबाइल फोन से संपर्क कर उनकी जीवन यापन के संबंध में जानकारी लेकर प्रकरण में किसी प्रकार की परेशानी आरोपी पक्षों के द्वारा दबाव तो नहीं बनाया जा रहा है एवं तत्कालिक समस्या के संबंध में एक प्रशिक्षित पुरुष एवं महिला कर्मचारी को तैनात किया गया है इनके द्वारा प्रतिदिन थाना अजाक एवं न्यायालय आने जाने वालों को “रिसेप्शन हेल्प डेस्क” के माध्यम से पीड़ित पीड़ितों का समस्या एवं हालचाल की जानकारी ली जा रही है थाना में “महिला हेल्प डेस्क’ का
स्थापना पुलिस मुख्यालय के निर्देशानुसार किया गया
जिसमें महिला प्रधान आरक्षक 94 बेनेदिक्ता ग्लोरिया बेक के द्वारा थाना आने वाले महिलाओं को सहायता उपलब्ध कराया जा रहा है उनकी
समस्याओं को सुनकर यथासंभव निराकरण किया जा रहा है। “रिसेप्शन हेल्प डेस्क” में एक वरिष्ठ आरक्षक 407 बसंत कुमार भैना को तैनात किया गया है जो आने वाले आगन्तुकों से शालीनतापूर्वक समस्याओं को सुनकर उसे निराकृत करने एवं आवश्यक वैधानिक कार्यवाही करने हेतु प्रकरण से संबंधित बातों को सुक्ष्मता से समझकर प्रार्थी को त्वरित उचित मार्गदर्शन प्रदान करने में सहयोग
करता है। इसी परिपेक्ष्य में पूर्व में उक्त आरक्षक को
पुलिस मेन ऑफ द वीक” से पुलिस अधीक्षक
महोदय के निर्देशानुसार सम्मानित किया गया है ।
बोधन चौहान के रिपोर्ट