रायगढ़


कार्यवाही नहीं होने से झोलाछाप डॉक्टरों के हौसला बुलंद …

खरसिया विकासखण्ड मे झोलाछाप डॉक्टरों का आंतक

रायगढ़ जिले के खरसिया ब्लॉक क्षेत्र में झोलाछाप डॉक्टरों पर कार्यवाही नहीं होने के कारण गली-गली में झोलाछाप डॉक्टर बनकर लोगों के जिंदगी के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं। और स्थानीय प्रशासन मौन होकर तमाशा देख रहे हैं। जबकि जिला कलेक्टर ने ऐसे झोलाछाप डॉक्टर पर कड़ी कार्यवाही करने का निर्देश दिये हंै। कलेक्टर के निर्देश पर जिले के कई बीएमओ ने बड़ी कार्यवाही की है। विकासखण्ड स्तर पर झोलाछाप डॉक्टरों पर जांच व कार्यवाही करने का जिम्मा बीएमओ का होता है लेकिन खरसिया विकासखण्ड के चपले में खण्ड चिकित्सा अधिकारी के दवारा झोलाछाप डॉक्टर पर कार्यवाही हुआ है या नही इसकी जानकारी आज तक किसी को नहीं मालूम, कार्यवाही नहीं होने के कारण झोलाछाप डॉक्टरों के हौसले इतने बुलंद हो गये हैं कि ये लोग राह चलते भी मरीजों का ईलाज करते हैं। खरसिया ब्लॉक के दर्रामुड़ा एक ऐसा डॉक्टर है जो कलकत्ता से आकर दर्रामुड़ा ग्राम पंचायत में निवास करते हुए झोलाछाप डॉक्टरी कर रहे हैं जो की बाकायदा दर्रामुड़ा ग्राम पंचायत के मुख्य मार्ग पर काफी लम्बे समय से अवैध क्लिनिक का संचालन किया जा रहा है आप को ये बताना लाजमी होगा की
चपले में समुदायिक स्वास्थ केंद्र है जिसके महज कुछ ही दुरी पर
ग्राम पंचायत दर्रामुड़ा में मुख्य मार्ग पर झोलाछाप डॉ. बापी बगाली जो की बिना किसी डर के
अवैध क्लिनिक का संचालन कर रहे है ग्राम पंचायत दर्रामुड़ा में एस. के. एस. पावर प्लांट सिथित है जिसके कारण अवैध क्लिनिक में मरीजों का ताता लगा रहता है और झोलाछाप डॉ. बापी बगाली जो की घर पहुंच ईलाज किया जाता है लेकिन झोलाछाप डॉ.के पास ना तो किसी प्रकार की डिग्री नहीं है और ना ही किसी प्रकार की अनुमति है झोलाछाप डॉ. बापी बंगाली सभी बीमारियों का इलाज करते है जो की स्वास्थ विभाग का आशीर्वाद प्राप्त है

जब हमारे सत्य खबर के जिला प्रतिनिधि ने झोलाछाप डॉ. से बात की तो झोलाछाप डॉ. ने कहा की जो कर सकते हो कर लो बी. ऍम.ओ. से हमारे अच्छे सम्बन्ध है कुछ नहीं होगा.

जहा एक ओर साशन दवारा मुख्यमंत्री हाट बाजार क्लिनिक हर मंगलवार को दर्रामुड़ा में लगाया जाता है और वही दुसरी ओर बिंजकोट में उप स्वास्थ केंद्र है और चपले के खण्ड चिकित्सा अधिकारी ने आज तक इस डॉ. से अनजान है

और यह डॉक्टर महिला मरीजों को खड़े -खड़े कमर में इंजेक्शन लगा देते हैं बिना डर भय के। क्या इन झोलाछाप डॉक्टर और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी के साथ सांठ-गांठ हैं जो इन पर कार्यवाही नहीं करते हैं?

कोरोना के कारण गांव के लोग सरकारी अस्पताल नहीं जाते हैं और इसका पूरा फायदा ये झोलाछाप डॉक्टर उठा रहे हैं। गरीब मरीजों का ईलाज करके ग्रामीण क्षेत्र के शासकीय अस्पताल में पदस्थ डॉक्टर गांव नहीं जाने के कारण ग्रामीण ऐसे झोलाछाप डॉक्टरों से ईलाज कराकर अपनी जान जोखिम में डाल रहे हंै। स्थानीय बीएमओ को चाहिए कि ऐसे झोलाछाप डॉक्टरो से समबन्ध बना रहे.

ग्रामीणों का कथन = डॉ. 5 सालो से यहाँ है और ईलाज कर रहा है और यहाँ के जनप्रतिनिधि भी कुछ नहीं बोलते है और यहाँ यहाँ चपले का आर. एच्. ओ रहता है वो भी बीच बीच में डॉ. के यहाँ आता जाता रहता है.

क्या कहते है बी. ऍम. ओ =
झोलाछाप डॉ. बापी बंगली नाम का कोई डॉ. नहीं है और ना ही मुख्य मार्ग पर कोई क्लिनिक है मै अपने आर. एच्. ओ. जो दर्रामुड़ा में रहता है उससे पता करवाता हु.

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