गोधन न्याय योजना बना ग्रामीण महिलाओं की अतिरिक्त आय का जरिया,
गोबर से निर्मित जैविक खाद बेचकर महिला समूह ने कमाए आठ हजार रुपए,
जांजगीर-चांपा जिले में गोधन न्याय योजना महिला समूहों की अतिरिक्त आमदनी का जरिया बन रही है।
जिले के बलोदा विकास खंड के ग्राम औरईकला के मां वैष्णो देवी महिला स्व-सहायता समूह ने गोबर से जैविक खाद तैयार किया और इसे बेचकर आठ हजार रुपए की आय अर्जित की।
कलेक्टर श्री यशवंत कुमार के मार्गदर्शन में जिले में संचालित विभिन्न गौठानों को सरकार की मंशानुसार आजीविका केंद्र के रूप में विकसित किया जा रहा है। इसी कड़ी में बलोदा ब्लाक के ग्राम औराईकला के गौठान से आज कृषकों को 10 क्विंटल जैविक खाद
बेचा गया। गौठान से जुड़े मां वैष्णो देवी महिला स्व सहायता समूह के सदस्यों में उत्साह का माहौल है।
उपसंचालक कृषि श्री एमआर तिग्गा ने बताया कि महिला स्व सहायता समूह के द्वारा तैयार किए गए जैविक खाद को प्रयोगशाला में विश्लेषण के लिए भेजा गया था। जांच में इसे मानक स्तर का पाया गया। इसे आकर्षक पैकेजिंग कर विक्रय के लिए सहकारी सोसायटी में उपलब्ध कराया गया है। आज कृषकों को 10 क्विंटल जैविक खाद आठ रूपए प्रति किलो की दर से बेचा गया। उन्होंने बताया कि यह मानक और गुणवत्ता पूर्ण खाद औरईकला की महिला समूह द्वारा निर्मित किया गया है।
उल्लेखनीय है कि गोधन न्याय योजना का उद्देश्य पशुपालन को बढ़ावा देने के साथ-साथ कृषि लागत को कम करना और भूमि की उर्वरा शक्ति को बढ़ाना है। इस योजना से पर्यावरण में सुधार के साथ-साथ ग्रामीण अर्थव्यवस्था में सकारात्मक बदलाव आएगा। गोधन न्याय योजना से विशेषकर ग्रामीण क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर रोजगार के अवसर भी बढेंगे।
लाइव भारत 36 न्यूज़ से विजय धिरहे की रिपोर्ट