महिषासुर का अपमान करने की लगा आरोप ,पंखाजुर थाने में “दुर्गा पूजा आयोजन समिति” पर एफआईआर दर्ज….
छत्तीसगढ़ में दुर्गा पूजा मनाने वालों पर मूलनिवासी बहुजन समाज के लोगों ने एफआईआर दर्ज करा दी है।पूरा मामला छत्तीसगढ के कांकेर जिले के पंखाजुर थाने में “दुर्गा पूजा आयोजन समिति” पर महिषासुर का अपमान करने को लेकर एफआईआर दर्ज हुई है।
जिले के एसपी एमएन कोटवानी ने इसकी पुष्टि करते हुए फारवर्ड प्रेस को बताया कि आयोजकों की धर-पकड के लिए छापेमारी शुरू कर दी गई है। उनकी कॉल डिटेल निकाली गई है तथा फोन सविलांस पर डाल दिए गए हैं।
एफआईआर में आदिवासियों की भाषा, संस्कृति एवं उनके महापुरुषों को काल्पनिक देवी-देवताओं का सहारा लेकर अपमानित करने के लिए विभिन्न धाराएं लगाईं गईं हैं, जिनमें 295A व अन्य धाराएं शामिल हैं।
अपनी शिकायत में आदिवासी लोगों ने बताया है कि दुर्गा कोई देवी नही अपितु वैश्या थी जिसे ब्राह्मणों ने हमारे राजा महिसासुर को मारने के लिए भेजा था। दुर्गा नौ रात तक महिसासुर के पास सोकर उन्हें मारने का प्रयास करती रही और अंत मे दसवें दिन वो कामयाब हो गई।
चूंकि दुर्गा ने मूलनिवासी राजा का खात्मा करके ब्राह्मणी व्यवस्था को पुनः स्थापित करवाने का काम किया अतः ब्राह्मणों ने उपहार स्वरूप उसे देवी बनाकर उन नौ रातों को “नवरात्र” के रूप में मनाना शुरू कर दिया।
मनुवादियों ने सोचा भी नही होगा कि महिषासुर का अपमान करना इतना महंगा पडेगा। सैकडों सालों की सांस्कृतिक गुलामी के खिलाफ विद्रोह करने वाले “बिरसा मुंडा” के वंशजों को बधाई व शुभकामनाएं।