जांजगीर-चांपा

मां चंद्रहासिनी मंदिर चंद्रपुर में शारदीय नवरात्रि चालू परंतु शासन के दिशा निर्देश के कारण लोग काफी मायूस


अनलॉक 5 पर देश चल रहा है प्रशासन ने ऐसे तो लगभग कुछ शर्तों के साथ सभी तरह की छूट आमजनता को दे दी है एवं स्वयं भी चुनाव, रैली, आंदोलन, विरोध प्रदर्शन जैसे कार्यो में प्रत्यक्ष अप्रत्यक्ष रुप से सम्मिलित है एवं उसका हिस्सा बन रहे,, वही शराब दुकान, टाकीज, माल, कालेज, स्कूल आदि को भी सशर्त छूट मिल रही है। ऐसे में हिन्दू धर्म, आस्था के महापर्व क्वार नवरात्र पर देवी दर्शन पर रोक समझ से परे है। वर्तमान में वैज्ञानिक और सामाजिक विश्लेषकों के अनुसार विश्व समुदाय एक विघटन के दौर से गुजर रहा है ऐसे में योग, धर्म और धार्मिक कृत्य ही हमे संबलता प्रदान करते है। देव दर्शन, पूजन, आस्था के साथ साथ मनोवैज्ञानिक रूप से स्थिरता प्रदान करते है। वर्तमान के लगातर लॉक डाउन से टूटते हौसलो एवं उपजती आर्थिक, सामाजिक परिस्थितियों संग अन्य समस्याओ का निदान , समाधान दैवीय आशीष का संबल है।
जन आस्था, विश्वास से परे जाकर उन्हें दर्शन से वंचित करना उचित प्रतीत न होता। एक ओर जब सिनेमा हाल , मदिरालय जैसे स्थान जो आसूरी या समाजिक विकृति प्रदान करते है जहां लोग दीर्घकाल को उपस्थित रहते है उन्हें कुछ शर्तों साथ खुलने की छूट दी जा सकती है परंतु मानसिक विकारों को दूर करने, स्थायित्व देने वाले देव दर्शन पर प्रतिबंध एक तरह की सामाजिक और धार्मिक हत्या है। ऐसे में प्रशासन को पुनर्विचार कर चन्द्रपुर माँ चंद्रहासिनी मंदिर में आवश्यक दिशा निर्देश , शर्तो के साथ दर्शन की अनुमति देनी चाहिये। आसपास के देवी मंदिरों में जिस तरह दर्शन है वही व्यवस्था यहां भी लागू करने प्रशासन से पुनर्विचार का अनुरोध है। माँ चंद्रहासिनी सद्बुद्धि दे, सद विचार से निर्णय लेने प्रेरित करे इन्ही कामनाओ संग .. पुनः माँ चंद्रहासिनी मंदिर में दर्शन की अनुमति देने के अनुरोध सहित..??

देवालय पर न करे कोई उधम,
यही है, सृष्टि के सनातन धर्म का चिर नियम।

दे दर्शन, जो दारुन का दुख हरे,
उसके दर्शन का अधिकार,तू क्यों हरे ?

लाइव भारत 36 न्यूज़ से अजय पाण्डेय की रिपोर्ट

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