सारंगढ़

आखिरकार क्या गुनाह था मेरा कि मुझे फंसाया गया-मुकेश साहु

हां पत्रकार हु मुझे गर्व है मेरे देश मेरे भारत मेरे छत्तीसगढ़ और मेरे सारंगढ पर!

मैं देश की सविधान की सौगंध खा कर आप सभी के सामने मैं अपनी आप बीती साझा करना चाहत हूं साथियों, अगर इस मामले में यदि आरोप सिद्ध हो जाता है तो मुझे फाँसी की सजा मिले!

लिखते समय मेरा हाथ डगमगा रहे है लिए बिना आप सभी तक बात पहुचाये मन शांत नही होगा। आज शाम के कुछ ही समय हुवा था कि मैं न्यूज पोर्टल के माध्यम से देखा मेरा नाम एक अवैध वसूली से खबर लगी थी! खबर देख कर मैं चौक गया यकीन करना मुश्किल था लेकिन पोर्टल में लगी खबर को नजर अंदाज करना एक पत्रकार का ब्यक्तित्व नही है, खबर में अंकित था कि दो पत्रकार एक चंद्रकांत साहू (सारंगढ) ग्राम- पहंदा और दूसरा मेरा नाम मुकेश साहू ( सारंगढ) ग्राम- साल्हे जिनके नाम पर डरा धमकाकर कर 30 हजार रुपये सरपंच से मांग की जा रही थी जिस पर (सारंगढ़) डोमडीह अ सरपंच द्वारा थाना में लिखित शिकायत करने पर थाना में 34A और 384 की धारा पंजीबद्ध कर विवेचन पर लिया गया है। पढ़ कर बहुत पीड़ा हुई जिस कृत में आप सामिल न हो जिस पर आपका दूर दूर तक कोई वास्ता न हो ऐसे अपराध में आपका नाम उस समय सामने आए जब आपने ओ कृत्य किया ही न हो।

साथियों जिस केस में मेरा नाम सामने आया जिसमे लिखा था मुकेश साहू निवासी साल्हे पहली बात मेरा एड्रेस ही गलत है मैं सारंगढ परसदा बड़े का रहने वाला हूँ और जिस डेट का जिक्र हुवा है उस समय न तो मेरा सरपंच के साथ न ही उनके सहयोगियों के साथ किसी भी मेरा संपर्क हुवा ही नही है और यही बात उक्त दिनांक की तो उस समय मैं अपने घर मे एवम अन्य कारणों में ब्यस्त था तो आखिर ऐसा हुआ ही क्यों?

कल बीती शाम तकरीबन 7:30 मुझे सारंगढ़ थाने से मुशी का फोन आया उनके द्वारा मुझे कहा गया कि टीआई सर आपको बुलाएं है मैन बोला ठीक है मगर कारण क्या है? उस समय मुझे मुशी द्वारा बताया गया कि कारण मुझे भी नही पता है मेरे द्वारा पुनः पूछा गया तो जवाब में फिर वही मिला। मैंने सोचा होगा कुछ करण होगा मिल लूंगा! और आज मेरे नाम से एफआईआर हुई पोर्टल के माध्यम से मुझे देखने को मिला!

चलिये कारण आप सभी के सामने रखता हूं उक्त सरपंच द्वारा जो मेरे विरुद्ध जो लिखित शिकायत की गई है उस विषय की जानकारी के लिए मैंने उक्त सरपंच को तत्काल फोन किया और विषय जानने की कोसिस की तब सरपंच द्वारा बोला गया –

“मेरा मूड आफ चल रहा था मैं जान नही रहा था आप हो करके अब बताओ यार कैसे में सलटेगा ये बताओ, मेरी कनकबीर दरोगा से बात हुई तो मैंने कहा उसके साथ मे जो रहता है मुकेश साहू ओ मुकेश साहू नही ओ गौतम कुछ है, मुकेश इसमें शामिल नहीं है सर उसको हटा दो, दरोगा जी बोले ठीक है जब उसे देखोगे तो पहचानो गे न तो मैंने बोला पहचान लूंगा फिर बाद में सुधार देंगे, मेरे को भी दुख लग रहा है भाई मैंने ही आपका नाम लिखाया है लेकिन मुझे मालूम नही था मुझे भी खराब लग रहा है, मैं अपने से सुधरवाने की कोसिस करूंगा।”

बहरहाल जो भी मेरे खिलाफ अनजाने में शिकायत हुई है इससे पीड़ा तो हुई है मगर अब क्या करूँ कानूनी प्रक्रिया से हल निकालनी ही होगी बस अफसोस रहेगा कि बिना कारण इस मामले में मेरा नाम आ रहा है।

मैं भारत के सविधान की कसम खा के बोल रहा हु इस मामले में मेरा दूर दूर तक कोई रिश्ता नही है मेरे मन की पीड़ा को हमारे आदरणीय, सहपाठी पत्रकार एवम साथि समझने की कोसिस करेंगे।

हम वही पत्रकार है जो शासन, जनपतिनिधि, आमजनता, नेता, ब्यपरियों, रोड गली सड़क पानी बिजली रोजगार एवम अन्य विषयों को प्रमुखता के साथ समाज और देश के सामने लाते है,मुझे आप सभी पत्रकार बंधुओं से एक ही निवेदन है आप इस समय मेरे और सत्य का साथ दें आज मेरे साथ हुआ है खुदा न खस्ता किसी और पत्रकार साथी के पास हो जाये इसलिए आपका सहयोग और साथ चाहिए।

मैं देश की ग्रंथ गीता और सविधान की कसम खा के बोल रहा हु अगर इस मामले में मेरे ऊपर अपराध सिद्ध हो जाये तो सीधे मुझे फाँसी की सजा मिले। *जय हिंद*

आपका पुत्र,मित्र, दोस्त
मुकेश साहू

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