ऐय्यास सचिव ने पुरे गांव एवं आसपास के लोगों की जिंदगी पर लगाई दाव लोग दहसत के साये में सारंगढ़ के फर्सवानी गांव के हैं मामला
हाल ताजातरीन घटना जिसमे पति पत्नी जो बैंगलोर में रहते थे। वे 28 जून को हवाई जहाज से रायपुर पहुंचे। जहां से वो निजी वाहन में अपने गांव पहुंचे चूंकि बैंगलोर से वापस पति पत्नी अपने गाँव पहुँचे थे। जिसकी जानकारी परिवार वालों ने सचिव को दी थी लेखों सचिव लालबहादुर ने सेटिंग करके कुछ नही होगा घर मे रहने दो बोलकर काल हिस्ट्री से पूरे गाँव वालों को अनजान रखा..
पति पत्नी 28 जून 2020 को ही अपने गाँव फर्सवानी पहुँच गए थे लेकिन सचिव के कहने पर वो निश्चिन्त थे… लेकिन जब आसपड़ोस के लोगों को उनके आने की खबर मिली तो.. वो तत्काल पुलिस मित्र और कोटवार जयप्रकाश चौहान को सूचना दिए।
कोटवार जय प्रकाश चौहान ने लोगों के सामने ही सचिव को फोन लगाया और जानकारी बताई..तो सचिव उल्टा कोटवार को डांटते हुए बोले कि तुमको इस मामले में नही पड़ना है अपने काम से कम रखो.. फिर पुलिस मित्र ने तत्काल सारंगढ़ के एक्टिव थाना प्रभारी को भी इसकी जानकारी दी थी..
लेकिन अमीरों के सचिव जो कि आदतन लापरवाही का मिशाल है ने कुछ नही होगा मेरा जो करना है जिसको करे बोलके गाव वालो के समक्ष बोलकर चले गए..
इससे पहले भी एक अमीरजादे की काल हिस्ट्री छुपाने में सफलता पाई थी..लेकिन उनका सौभाग्य था कि उस लड़के का रिपोर्ट नेगेटिव आया और सचिव लालबहादुर का हौसला दिनों दिन बढ़ता गया।
परन्तु कहते हैं ऊपर वाले कि लाठी में आवाज़ नही होता इस बार सचिव लालबहादुर का चाल उल्टा हो गया । पिछले बार की तरह मामले को दबाने एवमं अपना वर्चस्व कायम करने ही वाला था कि बेंगलुरु से वापिस लौटी युवती का कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव हो गया..
रशुखदारों के सामने नतमस्तक होने वाले सचिव ने बैंगलोर से लौटने वाले पति पत्नी की ट्रैवल हिस्ट्री को शुरुआत में पूरी तरह छिपाने का प्रयास किया गया लेकिन जब पूरे गांव में चारो ओर हल्ला मच गया कि पति पत्नी बैंगलोर से लौटा है और उसे ना होम कोरांटाइन में भेजा गया ना ही गांव के कोरंटाइन सेंटर में भेजा गया।
जिसके बाद आनन फानन में गांव के लापरवाह सचिव लालबहादुर निषाद द्वारा बैंगलोर से 28 जून को लौटे पति पत्नी को 5 जुलाई को होम कोरांटाइन में भेजा गया। जबकि दम्पत्ति 28 जून को ही अपने गाँव फर्सवानी आ गए थे। 28 जून से 5 जुलाई तक सचिव लालबहादुर द्वारा मामले को दबाने की पुरजोर कोशिश की गई।
ग्रामीणों का कहना है 28 जून को लौटे पति पत्नी को 5 जुलाई को होम कोरंटाइन में भेजा गया लेकिन होम कोरेंटाइन में भेजे गए पति पत्नी के घर वालो ने बिल्कुल भी नियम का पालन नहीं किया व वो अपने गांव में रसूखदार घराने से होने का फायदा उठाकर सार्वजनिक रूप से घूमते रहे और गांव के तमाम ग्रामीणों के संपर्क में आए। जब बैंगलोर से लौटे दंपति में पत्नी की रिपोर्ट 13 जुलाई को पॉजिटिव आयी तो पूरे गांव वाले के होश उड़ गए व पूरे गांव में दहशत व सनसनी फैल गया।
जिला कलेक्टर द्वारा कुछ दिन पहले कड़ाई से निर्देश दिया गया था कि जो व्यक्ति अपनी ट्रैवल हिस्ट्री छिपाने का प्रयत्न करेंगे व कोरोना को लेकर लापरवाही बरतेंगे उनके खिलाफ सख्त कार्यवाही होगी लेकिन जिले के गांवों के सचिव सरपंच व रसूखदार लोग गांवों में अपनी मनमानी कर रहे हैं ऐसे सचिव के खिलाफ जिला प्रशाशन को सख्त कदम उठाने की जरूरत है। अन्यथा गाव में शाशन के प्रति विद्रोह का माहौल पनप रहा है।।
सतधनु सारथी के रिपोर्ट