सारंगढ़

सरकार की रोका छेका अभियान फ्लाफ सड़कों पर घूम रहे मवेशी

जिला बलौदाबाजार

छत्तीसगढ़ में कांग्रेस सरकार बनने के बाद मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने तीन महत्वपूर्ण योजनाएं शुरू की थी जिसमें नरवा,गरुवा घुरवा,और बाड़ी।इस योजना में गायों के संरक्षण के लिए काम करने की योजना तैयार की गई थी। सड़कों पर आवारा घूमती मवेशी दुर्घटना का शिकार न हो और वह खेतों में फसलों को नुकसान न पहुंचाए इसके लिए सरकार ने रोका छेका अभियान शुरू किया था। रोका छेका अभियान के तहत सड़कों पर घूमने वाले आवारा पशुओं को पकड़कर गौठान में रखने और उनके खाने पीने की व्यवस्था की गई थी। योजना की शुरुआत में यह काम अच्छे से हुआ लेकिन जैसे-जैसे समय बीतता गया योजना दम तोडती गई।अब इस योजना के तहत न तो मवेशियों को सड़कों से हटाया जा रहा है न ही उन्हें गौठानो में रखा जा रहा है और जो मवेशी गौठानो में हैं उनके खाने की व्यवस्था नहीं की जा रही है जिसके कारण अब आवारा मवेशी सड़कों पर झुंड के झुंड दिखाई देने लगे हैं। सड़कों पर दिखाई दे रहे मवेशियों की झुंड से स्पष्ट है कि छत्तीसगढ़ सरकार की इस महत्वकांक्षी योजना सिर्फ कागजों में ही सिमटकर रह गया है।
प्रदेश में भूपेश बघेल सरकार गौ सेवा के नाम पर करोड़ों अरबों रुपए फूंक कर गौठानों का निर्माण कर रही है। किंतु यदि धरातल पर देखा जाए तो गाय आज भी बुनियादी सुविधाओं को मोहताज भूख प्यास से दो-दो हाथ करती दाने दाने के लिए दर-दर भटकती छाव और साफ-सुथरी जमीन पर बैठने को तरसती अपनी जान गवाने के लिए मजबूर हैं। सरकार की महत्वाकांक्षी नरवा गरवा गुरुवा बाड़ी योजनाओं में से एक गौठान योजना साढ़े चार साल बाद भी अपने पूर्णत्व को प्राप्त करने के लिए तरस रही है। पूरे प्रदेश में बनने के लिए गौठान बन चुके हैं पर गौठान के नाम पर पानी टंकी बनाई गई है किंतु उसमें पीने के लिए पानी नहीं है। कुछ गौठानों में शेड बनाए गए हैं किंतु वह शेड गायों को तपती झुलसती दोपहर में छांव देने के लिए पर्याप्त नहीं है। गोवंश को साफ सुथरी जगह में बैठना पसंद होता है। लेकिन प्रदेशभर के गौठानों में गायों के बैठने के लिए पक्के फर्श का निर्माण आज तक नहीं किया गया है। जिसके कारण अधिकांश गौठानों में दलदल और गीली जमीन है। जहां गाय रुकना और बैठना पसंद नहीं करती। यही कारण है कि पूरे प्रदेश की सड़कों में रात दिन गायों का डेरा जमा रहता है। खासकर रात में नेशनल हाईवे हो या स्टेट हाईवे या फिर कोई ग्रामीण सड़क, हर जगह सड़कों पर बैठी हुई गाएं दिखाई देती हैं । किंतु सरकार गोवंश की मनोदशा समझे बिना सिर्फ वाहवाही लूटने का काम कर रही है। जबकि गाय आज भी सड़को पर बैठ रही है। सड़कों पर मवेशियों के बैठने के कारण आए दिन मवेशी दुर्घटना का शिकार होकर मौत के मुंह में समा रही हैं। एक ओर लगातार गोवंश की मृत्यु दर बढ़ रही है, दूसरी ओर सड़क दुर्घटनाएं भी गोवंश के कारण बड़े पैमाने पर बढ़ रहे हैं क्या भूपेश बघेल सरकार की गायों के प्रति मंशा मूर्त रूप ले पाएगी यह सोचनीय विषय है। इस पर सरकार को धरातल पर उतर कर काम करने की जरूरत है। सरकार वाहवाही लूटने के लिए अपनी योजनाओं का सिर्फ ढिंढोरा पीटते दिखाई दे रही है।

लवन से धीरेन्द्र साहू की रिपोर्ट

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