महासमुंद

अतिथियों ने गज यात्रा वाहन को हरी झण्डी दिखाकर किया रवानागज यात्रा वाहन के जरिए लोगों को हाथी के व्यवहार और उनसे बचने की दी जाएगी जानकारी

महासमुंद 08 अक्टूबर 2021/ प्रत्येक वर्ष भारत में वन्यजीव सप्ताह 2 अक्टूबर से 8 अक्टूबर तक मनाया जाता है। इसी परिप्रेक्ष्य में महासमुंद जिले में गज यात्रा वन्य प्राणी संरक्षण सप्ताह का आयोजन जिला मुख्यालय के छत्तीसगढ़ उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में आयोजित किया गया। इस अवसर पर संसदीय सचिव एवं महासमुंद विधायक श्री विनोद चंद्राकर, संसदीय सचिव एवं खल्लारी विधायक श्री द्वारिकाधीश यादव, जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती उषा पटेल, जनपद अध्यक्ष महासमुन्द श्री यतेन्द्र साहू, कलेक्टर श्री डोमन सिंह, पुलिस अधीक्षक श्री दिव्यांग कुमार पटेल, वनमण्डलाधिकारी श्री पंकज राजपूत उपस्थित थे। इस दौरान अतिथियों ने गज यात्रा वाहन को जनसामान्य में जागरूकता बढ़ाने के लिए हरी झण्डी दिखाकर रवाना किए।
इस अवसर पर संसदीय सचिव एवं विधायक महासमुन्द श्री विनोद चंद्राकर ने अपने उद्बोधन में कहा कि जनसामान्य में वन्यजीवों के संरक्षण के प्रति जागरूकता बढ़ाने के उद्देश्य से वन्यजीव सप्ताह मनाया जाता है। इसके लिए राज्य शासन द्वारा पर्यावरणविदों, कार्यकर्ताओं, शिक्षकों आदि द्वारा लोगों में वन्यजीवों के संरक्षण के प्रति जागरूकता में तेजी लाने के लिए विभिन्न गतिविधियों का आयोजन किया जाता है। जिले में विगत कुछ वर्षाें से हाथियों का आना-जाना लगा हुआ है। हाथियों से छेड़छाड़ करने से अप्रिय घटित हो रही है। हाथियों से हमें सतर्क एवं दूरी बनाए रखना चाहिए। वन, वन्यजीवों एवं प्रकृति के संरक्षण के प्रति प्रेम एवं चेतना जाग्रत करने के उद्देश्य से वन्यप्राणी सप्ताह 2021 का आयोजन किया जा रहा।
 इस दौरान संसदीय सचिव एवं खल्लारी विधायक श्री द्वारिकाधीश यादव ने कहा कि बाग़बाहरा का कुछ क्षेत्र हाथी प्रभावित है। गज यात्रा के ज़रिए लोगों को जागरुक करने के उद्देश्य से इसे हाथी प्रभावित एवं विभिन्न ग्रामीण अंचलों के लिए रवाना किया जा रहा है। ताकि हाथी प्रभावित क्षेत्रों के ग्रामीण उनके व्यवहार को जाने और समक्षे तथा उनके सामने न आए। इस अवसर पर ज़िला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती ऊषा पटेल ने कहा कि प्रकृति के पारिस्थितिक संतुलन को बनाए रखने में वन्यजीव महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। जंगल बचाना उनके और मानव हित के लिए ज़रूरी है।


कलेक्टर श्री डोमन सिंह ने कहा कि वन्य जीवों के बगैर हम मानव जीवन का अस्तित्व ही संकट में पड़ सकता है। वन्यजीवों का महत्व समझने और उनके संरक्षण के उपाय करना जरूरी हैं। हाथी प्रभावित क्षेत्रों में जानमाल की सुरक्षा के लिए सोलर लाइट, फेंसिंग, जनजागरण, गज चौपाल एवं जनजागरूकता लाने का प्रयास किया जा रहा है। महासमुन्द जिले के लोग प्रकृति एवं वन्य प्रेमी होने के कारण प्रदेश में एक अलग पहचान बनाए है। प्रकृति में सारे प्राणी रहते है तब हमें जीवन का आनंद आता है। पुलिस अधीक्षक श्री दिव्यांग कुमार पटेल ने कहा कि वन्य प्राणी हाथी से बचाव के लिए प्रभावित क्षेत्रों के गांवों में जिला प्रशासन, वन विभाग, ग्रामीणों एवं पुलिस विभाग के समन्वय से गज समिति का गठन किया गया है। उनके द्वारा निरंतर लोगों को जागरूक करने के लिए फेसबुक, व्हाट्सएप, मुनादी एवं सोशल मीडिया के माध्यम से नियमित रूप से सूचनाओं का आदान-प्रदान किया जा रहा है।
इसी तरह वनमण्डलाधिकारी श्री पंकज राजपूत ने आसान तरीके से हाथियों के व्यवहार के तौर-तरीके, हाथियों से बचाव के बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी दी। उन्होंने बताया कि गज वाहन तीन चरणों में काम करेगा। पहला चरण में हाथी प्रभावित गांवों के स्कूलों में जाकर स्कूली बच्चों, शिक्षकों से वाद-संवाद करके जन जागरूकता फैलाएगी। दूसरे चरण में हाट-बाजार लगने वाले गांवों में हाथी से बचाव के लिए प्रचार-प्रसार तथा तीसरे चरण में शाम के समय हाथी मानव द्वंद को रोकने के लिए उपाय के संबंध में बनाए गए वीडियों को प्रोजेक्टर के माध्यम से प्रसारण किया जाएगा। इस अवसर पर जिला पंचायत सदस्य श्री अमर चंद्राकर, स्काउट गाइड के अध्यक्ष श्री दाऊलाल चंद्राकर, स्कूल के प्राचार्य, शिक्षकगण एवं विद्यार्थीगण, वन विभाग के अधिकारी-कर्मचारीगण कोविड नियमों का पालन करते हुए उपस्थित थे।

लोचन चौधरी की रिपोर्ट…

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