महासमुंद

अन्य पिछड़ा वर्ग और आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के गणना कार्य में गति लाएं: कलेक्टर 

जिला स्तरीय सर्वेक्षण समिति की बैठक


महासमुन्द 11 सितम्बर 2021/ कलेक्टर श्री डोमन सिंह ने आज ज़िले में पिछले 1 सितंबर से अन्य पिछड़ा वर्ग तथा आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के किए जा रहे सर्वेक्षण कार्य की प्रगति के संबंध में जिला स्तरीय सर्वेक्षण समिति की बैठक ली। उन्होंने अन्य पिछड़ा वर्ग और आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के गणना कार्य में और तेज़ी से कार्य करने कहा। कलेक्टर ने ज़िले के सभी अनुविभागीय अधिकारी राजस्व को सर्वेक्षण में निकाय स्तरीय एवं विकासखंड स्तरीय समिति का गठन तुरंत करने के निर्देश दिए और सर्वेक्षण संबंधी रिव्यू मीटिंग अनुभाग स्तर करने की बात कही। जो अपने क्षेत्र में अन्य पिछड़ा वर्ग तथा आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों का सर्वेक्षण करेगा उसकी ज़ोन,वार्ड बार सूची प्रकाशित करेगा। विकासखंड स्तर पर ग्राम पंचायत अन्य पिछड़ा वर्ग तथा आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के सर्वेक्षण की इकाई होगा और सूची का प्रकाशन ग्राम पंचायत स्तर पर होगा। उन्होंने कहा कि सर्वेक्षण का कार्य वार्ड बार किया जाए। कलेक्टर श्री सिंह ने अन्य पिछड़ा वर्ग तथा आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों का सर्वेक्षण समिति के कर्तव्य के बारे में भी विस्तार से बताया और अमल करने को कहा । बैठक में जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री आकाश छिकारा, डिप्टी कलेक्टर डॉ. नेहा कपूर, जिला सांख्यिकी अधिकारी श्री वी.पी. सिंह, मुख्य नगर पालिका अधिकारी श्री ए.के. हालदार सहित सभी नगरीय निकाय एवं जनपद पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी वीडियों कांफ्रेंस के जरिए जुड़े हुए थे।  अधिकारियों ने अब तक किए गए सर्वेक्षण की प्रगति से अवगत कराया। जानकारी में बताया गया कि चिप्स के तैयार सीजीक्यूडीसी नाम से मोबाइल ऐप में सुपरवाईजर एवं उपयोगकर्ता दोनों के उपयोग हेतु वेब पोर्टल में उपयोगकर्ता द्वारा ऑनलाईन प्रविष्ट किये गये डाटा के सत्यापन की जिम्मेदारी नियुक्त सुपरवाईजर द्वारा की जा रही है। जिन उपयोगकर्ताओं के पास ऑनलाईन पंजीयन की सुविधा नहीं है, उनका पंजीयन ऑफलाईन सुपरवाइजर के माध्यम से किया जा रहा है। सुपरवाईजर द्वारा डाटा संग्रहित एवं सत्यापित की भी कार्रवाई की जा रही है। इस कार्य के लिए सुपरवाईजर डोर-टू-डोर भी जा रहे है। कलेक्टर ने नगरीय निकाय एवं जनपद पंचायत के अधिकारियों को निर्देशित किया है कि वे अधिक से अधिक इस कार्य के संबंध में स्थानीय स्तर पर प्रचार-प्रसार, मुनादी, सोशल मीडिया एवं प्रिंट मीडिया के माध्यम से प्रचार-प्रसार कराएं। अधिकारियों ने बताया कि जिले में लगभग 05 लाख 31 हजार से अधिक राशन कार्ड के डाटा बेस के आधार पर सर्वेक्षण का कार्य किया जाना है।  बतादें कि राज्य की जनसंख्या में अन्य पिछड़ा वर्ग तथा आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों का सर्वेक्षण कर क्वांटिफायबल डाटा एकत्रित किए जाने के उद्देश्य से इस आयोग का गठन किया गया है। यह सर्वेक्षण एवं डाटा संग्रहण का कार्य, चिप्स के तकनीकी सहयोग नगरीय निकाय के अधिकारियों एवं पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के अधिकारियों के माध्यम से पिछड़ा एवं आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों का सर्वेक्षण किया जा रहा है। इस सर्वेक्षण कार्य में प्रगति लाने की जरूरत है। राज्य शासन पिछड़े वर्ग के हितों को लेकर चिंतित है। सरकार ऐसे वंचित वर्गों के लिए अनेक योजनाएं संचालित कर रही है। शासन ने पिछड़े वर्ग की गणना के लिए एक नयी पहल की है। जिसमें राज्य की जनसंख्या में से पिछड़े वर्गों तथा आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों का सर्वेक्षण करके क्वांटिफायबल डाटा एकत्रित करने के लिए आयोग का गठन किया गया है। इसके लिए शासन ने अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) और आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों की गणना के लिए एक क्वांटिफायबल डेटा मोबाइल ऐप और वेब पोर्टल लॉन्च किया है। छत्तीसगढ़ की कुल जनसंख्या में अन्य पिछड़ा वर्ग एवं आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों की यह गिनती मोबाइल ऐप से की जा रही है।

लोचन चौधरी की रिपोर्ट

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