महासमुंद

सफलता की कहानीपढ़ना-लिखना अभियान:

काका का काम, काका की कमाई शब्द लिखकर प्रभा आत्मविश्वास से भर गईअसाक्षर से साक्षर बन रही प्रभा

महासमुंद 08 सितम्बर 2021/ ‘‘काका का काम, काका की कमाई‘‘ बोले हुए शब्द को पढ़ना-लिखना सीखी तो आत्मविश्वास से पूरी तरह भर गई। जिस शब्द को हम बोलते है उसे नहीं लिख पाते थे तो असाक्षर कहलाते थे। अब जिस शब्द को हम दैनिक जीवन में बोलते है। उसको लिखना सीख कर हमें यह अहसास हुआ कि पढ़ना लिखना उतना कठिन नहीं जितना मैं समझती थी। छात्र जीवन में पढ़ना-लिखना एवं स्कूल ना जाने के कारण मैनें असाक्षर होने की पीड़ा झेली है। इस पीड़ा को पढ़ना लिखना अभियान ने दूर किया। यह कहना असाक्षर से साक्षर बन रही सुश्री प्रभा विश्वकर्मा निवासी बागबाहरा का है। अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस के अवसर पर उत्कृष्ट शिक्षार्थियों को किए गए सम्मान के दौरान जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती उषा पटेल ने सुश्री प्रभा विश्वकर्मा को शॉल, श्रीफल देकर सम्मानित किया। उत्कृष्ट स्वयंसेवी शिक्षिका सुश्री सुरभि नरेडिया को आखर सम्मान शॉल, श्रीफल देकर किया गया। यह सम्मान उन्हें जिला मुख्यालय के जिला पंचायत सभागार आयोजित कार्यक्रम में दिया गया।
सुश्री प्रभा ने बताया कि हमारे इस नए जीवन में स्वयंसेवी शिक्षक सुश्री सुरभि नरेडिया का पूरा सहयोग रहा है। उन्होंने हमें आखर झांपी भी दी गयी। पहले वो मुझे हल्का फुल्का पढ़ाती थी। मैं उनके घर हेल्प के रूप में काम करती थी। उन्हांेने हिन्दी का प्रथम पाठ ‘‘काम कमाई‘‘ को पढ़ाया गया उस समय तक हमें लगता था पढना कठिन है लेकिन अब पढ़ लिख कर हमें यह अहसास हुआ कि जीवन में पढ़ना लिखना कितना जरूरी है।
जिले में पढ़ना-लिखना अभियान के सकारात्मक परिणाम देखने को मिल रहे हैं। जिले में एक हजार से ज्यादा शिक्षक 10 हजार निरक्षरों को शिक्षा देकर साक्षरता की अलख जगा रहें हैं। साक्षरता कौशल अर्जित करने के लिए ये लोग 120 घंटे की पढ़ाई करा रहे हैं। पढ़ाने वाले स्वयं सेवी शिक्षक, स्कूल, कॉलेेज के बच्चे, एन.सी.सी, एन.एस.एस, स्काऊट गाईड, नेहरू युवा केन्द्र के स्वयं सेवक के साथ सेवानिवृत्त कर्मचारी, शिक्षक-शिक्षिकाएॅ जो इस अभियान से जुड़ी हुई है।
छत्तीसगढ़ सरकार के शिक्षा विभाग की इस महत्वाकांक्षी योजना में उन लोगों को शामिल किया जाता है जो साक्षर नहीं है या जो कभी स्कूल नहीं गए हैं। जिन्हांेने पढ़ाई-लिखाई नहीं की है सरकार ऐसे लोगों को शिक्षित करने का प्रयास कर रही है। जिसके अच्छे परिणाम निकल कर सामने आ रहें हैं।

लोचन चौधरी की रिपोर्ट…

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