कांकेर

आयोग में प्रकरण दर्ज होते ही 06 प्रकरणों को पुलिस ने किया एफआईआरपत्नी एवं बेटी की भरण-पोषण के लिए एक मुश्त राशि जमा कराने आयोग ने दिये निर्देशआयोग के फटकार के बाद एक सप्ताह में मिलेगा विधवा को पेशन

छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ. किरणमयी नायक की उपस्थिति में आज कलेक्ट्रोरेट के सभाकक्ष में 20 प्रकरणों की सुनवाई की गई, जिसमें 14 प्रकरणों का निराकरण किया गया तथा 06 प्रकरणों के पक्षकार अनुपस्थित पाये गये।
सुनवाई के दौरान दहेज प्रताड़ना के प्रकरण में आवेदिका उपस्थित व अनावेदक अनुपस्थित होने पर एसआई कांकेर को आयोग की ओर से प्रकरण को निराकृत करने की जिम्मेदारी दी गयी है,

जिसमें आवेदिका के प्रकरण की तफ्तीश अपने सामने कराने निर्देशित किया गया है, साथ ही अनावेदक को सामने बुलाकर आवेदिका व बच्चे के भरण-पोषण के संबंध में अनावेदक से राशि स्वीकृति कराया जाए। पहले पत्नी को तलाक अनावेदक दूसरी शादी करने वाला है, जिससे शादी करना चाहते हैं, उसका भी बयान दर्ज कर 10 दिवस के भीतर आयोग के समक्ष रिपोर्ट प्रस्तुत करने निर्देश दिये हैं। उन्होंने कहा कि पहले पत्नी को तलाक दिए बिना दूसरी शादी करने वालों पर कड़ी कार्यवाही की जाएगी।


इसी प्रकार मानसिक प्रताड़ना के एक प्रकरण में आवेदिका द्वारा व्यक्त किया गया कि प्रकरण उच्चतम न्यायालय में प्रक्रियाधीन है, यह प्रकरण आयोग के क्षेत्राधिकार से बाहर होने के कारण प्रकरण को नस्तीबद्ध किया गया। मानसिक प्रताड़ना से सम्बंधित प्रकरण में आवेदिका द्वारा अनावेदक के विरुद्ध थाने में जुर्म पंजीबद्ध किया जा चुका है। मानसिक प्रताड़ना के प्रकरण में आवेदिका अनुपस्थित रहीं, शिकायत निरर्थक व अर्थहीन होने के कारण आयोग द्वारा इस प्रकरण को नस्तीबद्ध किया गया। मारपीट से सम्बंधित प्रकरण में आवेदिका द्वारा अनावेदक के विरुद्ध थाना में जुर्म दर्ज हो गया है, इस प्रकरण को आयोग द्वारा नस्तीबद्ध कर दिया गया है। शारीरिक शोषण के प्रकरण में एस आई कांकेर द्वारा जानकारी दिया गया कि अनावेदक के विरुद्ध जुर्म दर्ज किया गया है, इस प्रकरण को आयोग ने नस्तीबद्ध किया।
मानसिक प्रताड़ना के प्रकरण में आवेदिका अनुपस्थित रही अनावेदक ने जानकारी दिया कि तलाक का मामला न्यायालय में लंबित है। इस मामले में आवेदिका अनुपस्थित होने के कारण इस प्रकरण को आगामी सुनवाई में रखा गया है। अनावेदक ने स्वीकार किया कि आवेदिका से तलाक लिए बिना दूसरी शादी किया है, अनावेदक पत्नी से बातचीत कर आवेदिका व बच्चे के स्थाई भरण-पोषण की व्यवस्था कर विधिवत तलाक लेने के निर्देश आयोग द्वारा प्रकरण को महिला एवं बाल विकास विभाग को सुपुर्द किया और उनके भरण-पोषण के लिए एक मुश्त राशि जमा करने की कार्यवाही कर आयोग को अवगत कराने निर्देशित किया गया है।


 सुनवाई के दौरान अन्य प्रकरण में आवेदिका उपस्थित रहीं लेकिन आवेदिका का प्रकरण वर्ष 2012 में शासकीय सेवा से लगातार अनुपस्थित के बाद नौ वर्ष पश्चात आयोग के समक्ष आवेदन प्रस्तुत किया है। यह मामला नौ वर्ष पुराना होने के साथ समय अवधि के अनुरूप नहीं होने के कारण आयोग द्वारा इस प्रकरण को नस्तीबद्ध किया गया।
मानसिक प्रताड़ना के एक प्रकरण में आवेदिका उपस्थित अनावेदक उच्च श्रेणी में लिपिक है, अनावेदक ने जानकारी दिया कि पेंशन प्रकरण में 2008 से 2011 में विसंगतियां होने के कारण उचित कार्यवाही नहीं हो पाई है। एक सप्ताह में कार्यवाही होने की सम्भावना अनावेदक द्वारा व्यक्त किया गया, आयोग द्वारा कार्यालय संयुक्त संचालक एवं नगरीय प्रशासन कांकेर को कार्यवाही कर छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग कार्यालय को सूचित करने निर्देशित किया गया है। आयोग की सुनवाई में अधिवक्ता शमीम रहमान, संरक्षण अधिकारी तुलसी मानिकपुरी, एसआई कांकेर सहित जनप्रतिनिधि एवं महिला बाल विकास विभाग के अधिकारी-कर्मचारी उपस्थित थे।

विनोद साहू ब्यूरो चीफ लाइव भारत 36 न्यूज़ कांकेर

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button