प्राइवेट स्कूलों के संगठन ने मुख्यमंत्री से लगाई गुहार कलेक्टर को सौंपा ज्ञापन
■ कोरोना कॉल और लॉकडाउन से लगातार हो रहे हैं लगातार परेशान…!!
कांकेर सन 2020 के लंबे लॉकडाउन तथा एक बार फिर 2021 में नए सिरे से महीनों लंबा लॉकडाउन समाज के हर तबके को पीड़ित कर रहा है लेकिन उन की समस्याओं को शासन उतनी गंभीरता से नहीं ले रहा है, जितनी कि लेना चाहिए। शहर तथा जिले के प्राइवेट स्कूल भी 2 वर्षों से लॉकडाउन से पीड़ित हैं अब उनके संगठन ने राहत हेतु मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को पत्र लिखकर गुहार लगाई है कि स्कूलों का संचालन अब तो शुरू कर दिया जाए तथा स्कूल बसों पर टैक्स माफी की राहत दी जाए साथ ही बसों की कार्यकारी पात्रता अवधि 12 वर्ष से बढ़ाकर 14 वर्ष की जाए ।
उल्लेखनीय है कि अधिकतर स्कूल बसें विभिन्न संस्थाओं द्वारा फाइनेंस की हुई है और स्कूलों के लगातार बंद रहने के कारण बस वालों की आमदनी भी बंद है ऐसे में किस्तों की वसूली जबरन करना अथवा गाड़ी ज़ब्त कर के ले जाना बहुत बड़ा अन्याय है जिससे राहत केवल सरकार ही दिला सकती है प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन ने मुख्यमंत्री से फरियाद की है कि करों की वसूली कम से कम तब तक तो रोकी जा सकती है जब तक स्कूल खुल नहीं जाते और आवक शुरू नहीं हो जाती। ज्ञातव्य है कि लॉकडाउन काल में पैसे पटाने वाले पालकों की तादाद 40% भी नहीं है। ऐसे में प्राइवेट स्कूलों को अपने दैनिक खर्चे भी निकालने मुश्किल हो रहे हैं। शासन को चाहिए कि पालकों के लिए शिक्षण शुल्क पटाने हेतु एक आदेश जारी करें। इसके अलावा सारे स्कूल बसों के टैक्स माफ किये जाएं। सभी अशासकीय विद्यालयों को आरटीई की प्रतिपूर्ति राशि अति शीघ्र जारी की जाए। आशा की जाती है कि प्राइवेट स्कूलों के संगठन की वाजिब मांगों पर राज्य सरकार सहानुभूति पूर्वक विचार करेगी तथा शीघ्र निर्णय लेगी।
विनोद साहू ब्यूरो चीफ लाइव भारत 36 न्यूज़ कांकेर