कोरबा


तुमान रामभाटा के जंगलों में इंकलाब ज़िंदाबाद डंडा लेकर महिला संरपच और ग्रामीणों द्वारा जुआरियों को खंदेडा

जिला कोरबा

करतला-करतला विकास खंड में तुमान लबेद रामभाटा छातापाठ के जंगलों में मूकबधिर प्रशासन के संरक्षण में धलड़े से जुआ का कारोबार किया जा रहा है। इसी बिच गाँव की महिला सरपंच के नेतृत्व में अचानक कल इंकलाब आ गया.

इस पुरे मामले में जब पुलिस और प्रशासन ने जब कार्यवाही को लेकर सक्रियता नहीं दिखाई तो, ग्रामीणों ने तुमान रामभाटा की महिला सरपंच के नेतृत्व में मोर्चा संभाला. जहां एक और महिला सरपंच ने पत्र लिखकर जंगलों में चल रहे इस काले कारोबार की शिकायत जिला कलेक्टर से की है, वहीं आक्रोशित ग्रामीणों ने हाथों में डंडे लेकर महिला सरपंच के नेतृत्व में तुमान रामभाटा के जंगल में चल रहे जुए के फड़ में धावा बोल दिया. जहां ग्रामीणों और जुआ खिलाने वाले काले कारोबार के सफेदपोश सरगना के बीच विवाद भी हुआ. लेकिन हाथों में डंडों से लैस आक्रोशित ग्रामीणों ने साफ लहजे में कोरोना संक्रमण से गांव की सुरक्षा और युवाओं के भविष्य को लेकर तुमान और रामभाटा के जंगलों में जुए के इस काले कारोबार को नहीं चलने देने की बात कही.

ग्राम पंचायत लबेद की सरपंच चैतिन बाई ने तुमान राम भाटा के जंगलों में चल रहे जुए के काले कारोबार को लेकर मोर्चा खोल दिया है. उन्होंने कलेक्टर कोरबा को पत्र लिखकर तुमान रामभाटा कि जंगलों में चल रहे जुए को लेकर गांव में कोरोना संक्रमण और युवाओं के पथभ्रष्ट होने को लेकर चिंता व्यक्त की है. पत्र में जुआ फड़ संचालकों द्वारा बकराभात और दारू पार्टी करने 200-250 लोगों से एकत्रित करने और जुआ फड़ संचालकों की दादागिरी और गुंडागर्दी को लेकर विरोध दर्ज किया गया है. विदित हो कि 10 मई सोमवार को ग्रामीणों और महिला समूह द्वारा जंगल में जुआ फड़ संचालित करने वालों को डंडों से लैस होकर खदेड़ दिया गया.

कोरबा जिले के नगरीय और उपनगरीय क्षेत्र में सख्त लॉकडाउन लगा हुआ है. सारे उद्योग धंधे एवं व्यवसायिक गतिविधियां पूर्णतः बंद है, ऐसे में तुमान रामभाटा के जंगलों में लगातार बकराभात और दारू पार्टी के साथ जुआ खिलाया जा रहा है. जब इसकी खबर गांव वालों से लेकर सरपंच तक को है मीडिया में प्रमुखता से लगातार समाचार प्रकाशित किए जा रहे हैं तो क्या इसकी खबर पांच पव्वा महुआ शराब पकड़कर प्रेस विज्ञप्ति जारी करने वाली पुलिस को नहीं है? सवाल यह उठता है कि क्या अब कार्यवाही को लेकर ग्रामीणों का विश्वास अब पुलिस पर नहीं रहा है ! आखिर क्यों महिलाा सरपंच के नेतृत्व में ग्रामीणों को डंडा उठाना पड़ा ! पुलिस और प्रशासन केे आला अधिकारी जो जुआ- सट्टा, और अपराध मुक्त शहर का दावा करते हैं सीधे त्वरित कार्यवाही की बात कहते हैं उनके दावों की सच्चाई क्या है ? कोयलांचल में तुमान रामभाटा के साथ- साथ बाकीमोगरा, कुसमुंडा, छुराकछार, दीपिका, पाली में भी प्रभावशाली जनप्रतिनिधि के संरक्षण में जुआ फड़ संचालित है. ऐसे में अपराध मुक्त शहर का दावा करने वाली पुलिस क्या कोई प्रभावी कार्यवाही की जहमत उठाएगी ! या लोगों को तुमान-रामभाटा की तरह कानून व्यवस्था हाथों में लेने मजबूर होना पड़ेगा


लाइव भारत 36 न्यूज़ से बोधन चौहान की रिपोर्ट

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