कांकेर


थोड़ी सी लापरवाही कोरोना पीड़ित मरीजों के लिए पड़ सकती है भारी

कांकेर खबर

कोरोना वायरस से पीड़ित मरीजों की थोड़ी सी लापरवाही भी भारी पड़ सकती है, उनका जीवन खतरे में पड़ सकता है। कोरोना पीड़ित मरीजों को डेडीकेटेड कोविड अस्पताल कांकेर या अपने विकासखण्डों में स्थित कोविड केयर सेंटरों में भर्ती होकर ईलाज कराने की सलाह जिले के कलेेक्टर चन्दन कुमार और वरिष्ठ चिकित्सकों- मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डाॅ. जे.एल. उईके तथा शासकीय कोमलदेव जिला चिकित्सालय कांकेर के सिविल सर्जन डाॅ. आर. सी. ठाकुर द्वारा दी गई है। कोरोना से जंग जीतकर स्वस्थ्य हुए कृषि विभाग के उप संचालक श्री नरेन्द्र कुमार नागेश ने भी अपने अनुभव साझा किये हैं।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डाॅ. जे.एल. उईके ने कोरोना पीड़ित मरीजों को कोविड केयर अस्पतालों में भर्ती होकर ईलाज कराने की सलाह देते हुए कहा कि जो भी व्यक्ति कोरोना पाॅजिटीव व्यक्ति के संपर्क में आते हैं तो उन्हें तत्काल अपनी जांच करा लेना चाहिए तथा पाॅजिटीव पाये जाने पर संबंधित चिकित्सक के सलाह अनुसार तत्काल उपचार एवं दवाई लेना शुरू कर देना चाहिए। किसी भी प्रकार का लक्षण दिखाई दे तो तत्काल जांच कराया जाकर ईलाज शुरू कर देना चाहिए। चिकित्सक द्वारा यदि अस्पताल में भर्ती होने की सलाह दिया जाता है तो तत्काल डेडीकेटेड कोविड अस्पताल कांकेर या कोविड केयर सेंटर में भर्ती होकर ईलाज शुरू कर देना चाहिए। उन्होंने बताया कि यदि कोई व्यक्ति घर में पाॅजिटीव होता है, तो उनके घर के अन्य सभी सदस्य इसे सामान्य रूप में लेते हैं और सावधानी नहीं बरतते, जिसके कारण घर के अन्य सदस्य भी संक्रमित हो रहे हैं।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डाॅ. जे.एल. उईके ने कहा कि कांकेर जिले में कोरोना वायरस बीमारी से लगभग 90 प्रतिशत ऐसे लोगों की मृत्यु हो रही है, जो बीमारी के लक्षण आने पर भी समय पर अपना जांच नहीं करवाते और जब बीमारी बढ़ जाती है तब अंतिम समय पर अस्पताल आते हैं एवं जांच करवाते हैं। ऐसे पाॅजिटीव व्यक्ति जिनको अस्पताल में भर्ती होने की चिकित्सक द्वारा सलाह दी जाती है, किन्तु वह अस्पताल में भर्ती न होकर होम आईसोलेशन में रहते हैं और जब तकलीफ ज्यादा बढ़ जाती है तब अंतिम समय पर अस्पताल आते हैं। उन्होंनेे सलाह देते हुए कहा कि कोरोना से संबंधित कोई भी लक्षण दिखाई दे तो तत्काल जांच करायें तथा पाॅजिटीव पाये जाने पर तुरन्त कोविड अस्पताल में भर्ती होकर अपना उपचार करायें, इससे वे जल्दी स्वस्थ्य हो सकते हैं। जिले के सभी विकासखण्डों में कोविड केयर अस्पताल तथा जिला मुख्यालय कांकेर के अलबेलापारा में डेडीकेटेड कोविड अस्पताल बनाया गया है, जहां कोरोना के मरीजों का ईलाज किया जा रहा है उक्त अस्पतालों में ईलाज की सभी सुविधायें मौजूद हैं। डाॅ. उईके ने बताया कि कांकेर के ईमलीपारा छात्रावास भवन में नया कोविड अस्पताल बनाया जा रहा है, जहाॅ पर 16 आईसीयू बेड, 30 एचडीयू बेड, 150 आक्सीजन बेड तथा 40 सामान्य बेड की व्यवस्था किया जा रहा है।
शासकीय कोमलदेव जिला चिकित्सालय कांकेर के सिविल सर्जन डाॅ. आर. सी. ठाकुर ने कोरोना के मरीजों को कोविड अस्पतालों में ईलाज कराने की सलाह देते हुए कहा कि वर्तमान में कांकेर जिले में कोरोना का संक्रमण दर बहुत ज्यादा है, कोविड के कारण मृत्यु दर भी अधिक हो रही है। इस परिस्थिति में अधिक से अधिक संख्या में लोग कोराना टेस्ट करवायें तथा पाॅजिटीव आने पर कोविड अस्पतालों में अपना ईलाज करायें। उम्र दराज के व्यक्ति एवं को-मार्बिड लोग जिन्हें शुगर, ब्लड प्रेशर एवं कैंसर की बीमारी है तथा लंबी बीमारी से ग्रसित रोगी कोरोना पाॅजिटीव पाये जाने पर होम आईसोलेशन में न रहकर कोविड केयर अस्पतालों में अनिवार्य रूप से भर्ती होकर अपना ईलाज करवायें। सिविल सर्जन डाॅ. ठाकुर ने कहा कि कोरोना के लक्षण पाये जाने पर चिकित्सक की सलाह अनुसार डेडीकेटेड कोविड अस्पताल कांकेर में रिफर किये जाने अस्पताल में भर्ती होकर अपना ईलाज करवायें। कोई भी व्यक्ति कोरोना मरीज के संपर्क में आने पर और किसी भी तरह के लक्षण जैसे सर्दी, खांसी, बुखार, सिर दर्द, पतली दस्त इत्यादि दिखाई देने पर तुरन्त कोरोना जांच अवश्य करवायें एवं चिकित्सक की सलाह पर अस्पताल में भर्ती होकर ईलाज करायें ताकि समय रहते उनका उपचार किया जा सके।
डाॅ. ठाकुर ने कहा कि कोई भी व्यक्ति कोरोना जांच में संक्रमित पाये जाने पर होम आईसोलेशन में रहने के लिए जिद न करके डाॅक्टर की सलाह अनुसार ईलाज करायें। वर्तमान में अधिक मृत्यु दर को देखते हुए होम आईसोलेशन में रहने वाले मरीजों को सलाह देते हुए उन्होंने कहा कि थर्मामीटर से निरंतर अपने शरीर के तापमान एवं पल्स आॅक्सीमीटर से आॅक्सीजन कन्सनटेªशन की जांच प्रत्येक दो घंटे में करें तथा सुबह व शाम का तापमान एवं आॅक्सीजन लेबल का रिपोर्ट अपने चिकित्सक एवं मेडिकल स्टाॅफ को अनिवार्य रूप से दें। आॅक्सीजन कन्सनटेªशन 95 प्रतिशत से कम होता है तो तत्काल अपने चिकित्सक व मेडिकल स्टाफ को सूचित करें ताकि उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया जाकर ईलाज किया जा सके। उन्होंने कहा कि वर्तमान में कोरोना के कारण मृत्यु की संख्या में अप्रत्याशित रूप से वृद्धि हुई है, जो कि डरावनी है। प्रायः यह देखा जा रहा है कि होम आईसोलेशन में रहने वाले मरीज अपने स्वास्थ्य के प्रति लापरवाही बरतते हैं और बीमारी बढ़ जाने के बाद अस्पताल में आते हैं, जो ठीक नहीं है।

लाइव भारत 36 न्यूज़ से विनोद साहू

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