पिहरिद के माटी पुत्र शहीद दीपक भारद्वाज का नम आखॉ से दी गई विदाई
गृह ग्राम पिहरिद में किया गया शहीद वीर का अंतिम संस्कार
जांजगीर चांम्पा – मालखरौदा बीजापुर के तर्रेम में हुए नक्सली हमले में जांजगीर-चांपा जिले के मालखरौदा थाना अंतर्गत पिहरीद गांव का दीपक भारद्वाज शहीद हो गया,वहीं शहीद के पिता का दर्द शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता,निसंदेह आपके आंखो से अश्क छलक उठेंगे,एक तरफ बेटे की शहादत का अभिमान और एक तरफ एक बाप का अपने सपूत को खोने का दर्द,निश्चित ही दर्द बयां करने शब्द कम पड़ जायेगें।
बीजापुर नक्सली हमले में शहीद दीपक भारद्वाज उपनिरीक्षक के पद पर तैनात था,शहीद के पार्थिव शरीर को जगदलपुर से एयरलिफ्ट करके जिंदल रायगढ़ लाया गया,जहाँ जांजगीर-चांपा पुलिस प्रशासन की निगरानी में नेशनल हाइवे मार्ग से सक्ती होते हुए खेल गांऊड मालखरौदा पहुंचा जहाँ तिरंगे से लिपटे शहीद के पार्थिव शरीर को सम्मानपूर्वक फुलों कि वर्षा करते हुए वीर शहीद अमर रहे के नारों व नम आंखों के साथ गृहग्राम पिहरीद लाया गया,इस दौरान जिले के आला अधिकारियों के साथ मालखरौदा क्षेत्र के बड़ी संख्या में लोग मौजूद थे सभी के आंखे नम थी,वहीं पार्थिव शरीर घर पहुंची जहां परिजनों का रो-रोकर बुराहाल हैं,वहीं शहीद को सम्मानपूर्वक श्रद्धांजलि अर्पित कर अंतिम संस्कार किया गया।
परिजनों से मिली जानकारी के अनुसार दीपक भारद्वाज का जन्म 6 सिंतबर 1990 में हुआ था वे 2 भाई,1 बहन में सबसे बड़ा था,उनमें बचपन से ही देशसेवा कि भावना था,प्रारंभिक शिक्षा पिहरीद में हुई फिर नवोदय विघालय मल्हार में 12 वीं तक का पढ़ाई किया,स्नातक करने बिलासपुर चला गया जहां बीए पास किया व लोकसेवा आयोग सिविल सर्विस परीक्षा कि तैयारी में जुट गया,इस दौरान सब इंस्पेक्टर पद कि भर्ती निकली,जिसकी परीक्षा देकर मेरिट स्थान बनाते हुए पुलिस फोर्स में भर्ती हुआ।
शहीद दीपक भारद्वाज कि शादी प्रान्तिका भारद्वाज से 29 नवंबर 2019 को हुई थी,उनकी पत्नी का रो-रोकर बुराहाल है उनको यकीन ही नहीं हो पा रहा हैं कि पलभर में लौटने का वादा करके निकले उनके पति अब कभी लौटकर नहीं आयेगा।
शहीद के पिता कि आंखों के आंसू थम नहीं रहा हैं,माता,भाई,बहन परिजनों का रो-रोकर बुराहाल है उनके पिता ने बताया कि होली के पहले बेटा से बात हुई थी,बेटा बोला था बहुत व्यस्तता है अभी,इसलिए बात नहीं कर रहा,मेरा बेटा बहुत अच्छा था सर,मैं तो बर्बाद हो गया बोलते हुए फुटफुटकर रोने लगा।
वहीं ग्रामीणों ने बताया कि दीपक भारद्वाज नए साल में सपरिवार अपने घर आया था,वहीं उनका आखिरी बार आना हुआ।
लाइव भारत 36 न्यूज़ से विजय धिरहे