जांजगीर-चांपा

मालखरौदा मुख्य कार्यपालन अधिकारी से शिकायत करने के बाद भी नहीं हुई कार्यवाही

सीसी रोड निर्माण कार्य में किया गया भ्रष्टाचार कुछ ही महीने में दम तोड़ ती नजर आईं सीसी रोड

जांजगीर चांपा जिले के मालखरौदा जनपद पंचायत अंतर्गत आने वाले ग्राम पंचायत पिहरीद के सरपंच सचिव द्वारा ग्राम पंचायत पिहरीद में सीसी रोड निर्माण मुख्य मार्ग से रमेश सोनवानी के मकान तक दूरी लग भग 200 मी. तथा रमेश सोनवानी से माझा खोल तक का निर्माण किया गया है बनवाई गई सी०सी०रोड की गुणवंता जांच के लिए ग्रामीणों ने किया था मालखरौदा मुख्य कार्यपालन अधिकारी से शिकायत कि ग्राम पंचायत पिहरीद जनपद पंचायत मालखरौदा जिला जांजगीर चांपा में शासन प्रशासन के योजना अनुसार शासकीय राशि से सी०सी० रोड ग्राम पिहरीद मैं मुख्य मार्ग में सीसी रोड निर्माण बनवाई गई है लाखों रूपये की राशि सुकृति हुई थी और निर्माण कार्य तक उपरोत दोनो निर्माण कार्य को ग्राम पंचायत के सरपंच के द्वारा कराया गया है दोनों रोड को अभी मात्र कुछ ही माह हुआ है और रोड उखड़ना चालू हो गया है जिससे स्पष्ट है कि निर्माण कार्य में गुणवत्ता ही सामग्री का प्रयोग किया गया है और शासन द्वारा जारी लाखों फिर भी नहीं बन पाया ठीक से रोड राशि को सरपंच के द्वाराअहरण कर गमन कर लिया गया है जिससे ग्राम वासियों में भारी आक्रोश देखी जा रही है मामले में स्थानीय ग्रामीण ने मुख्य कार्यपालन अधिकारी से लिखित शिकायत किया गया था पर अब तक किसी प्रकार की कार्यवाही नहीं हुई है जिससे जिम्मेदार अधिकारियो से ग्रामीणों का विश्वास उठ रहा है
मालखरौदा जनपद पंचायत अंतर्गत आने वाले ग्राम पंचायत पिहरिद में मुख्य मार्ग से रमेश के घर तक निमार्ण कार्य हुआ है और सड़क अभी से ही अपने घटिया होने का जिक्र चीख चीख कर रही है लाखौं की लागत राशि से सड़क का निर्माण कार्य पिहरिद सरपंच के द्वारा कुछ ही माह पहले कराया गया है वह देखने लायक है सडक अभी से उखड़ना चालू हो गया है तो कही से गिट्टी निकलना चालू हो गया है और तो और सी सी रोड बनाया भी ऐसे गया है जो कि वहां कंडे सुखाने के काम आ रहा है जिससे साफ पता चलता है कि किस तरह से पंचायत प्रतिनिधि और जनपद पंचायत के जिम्मेदार अधिकारियों ने सड़क निर्माण कार्य मे मिली-भगत कर किस तरह से भ्रस्टाचार किया गया है। सी सी रोड मे जब कार्य चल रहा होता है तब इंजीनियर कार्य के दौरान गायब रहते है और इसका फायदा पूरा सरपंच उठा लेते है घटिया सामग्री से निमार्ण कार्य करा देते है जो कि कुछ माह अंतर्गत रोड अपना पूरा दम तोड़ देती है पर इन सब से अधिकारियों को कोई लेना देना नहीं है उन्हें तो सिर्फ उनका कमिसन चाहिये। चाहे काम कैसे भी हो कमिशन मिलते ही घटिया काम भी अच्छा हो जाता है इंजीनियर उसे बिना देखे मूल्यांकन और सत्यापन कर देते है और सरपंच को घटिया निर्माण कार्य कराने का भी भुगतान हो जाता है सरकार पंचायतों का कायाकल्प करने के लिए हर साल लाखो करोड़ो रूपये फंड जारी कर खर्च करती है लेकिन पंचायतों के जन प्रतिनिधि और उच्च अधिकारी मिलीभगत कर बेहतर उपयोग के बजाय भ्रस्टाचार कर अपना जेब भर लेते है।

लाइव भारत 36 न्यूज़ से विजय धिरहे

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