राईपाट के पगडंडियों के रास्ते 100 किलोमीटर पैदल बगीचा जाया करते थे जो कि एक शिक्षक थे ।वही से उनके बेटे डॉ बनकर आज बगीचा में स्वास्थ अधिकारी बने पढ़िये क्या है पूरी बात ………
जशपुर:-झारखंड सीमा के पास जशपुर ज़िले के राईपाट गांव पंहुचने के लिए आज भी पक्की सड़क नही है। पाट क्षेत्र मे यहां राई का बड़ा वृक्ष था सो शांत और नीरव घाटी मे सम्मानजनक दूरी पर फैले कुछ कच्चे मकानों की आबादी को गांव के नामकरण मे बेवजह मशक्कत नही करना पड़ी। नाम मे ही पोस्टल कोड समाहित हो गया – पाट मे राई के वृक्ष वाला गांव। आज भी आबादी ढाई सौ ही है। अंचल का बड़ा हिस्सा ऐसा ही है।
यहां रहता है बाखला परिवार जिस के साथ क्रिसमस के दिन की भेंट और जिनका प्रेमपूर्ण आतिथ्य यादगार अवसर बन गया।
स्व. सिमोन बाखला शिक्षक थे और 1940 के दशक मे अपनी पत्नी प्रसादी बाखला के साथ पैदल पहाड़, जंगल, नदी और नाले, जिनमे वर्तमान बादलखोल अभयारण्य भी है, पार करते हुए, अपनी पदस्थापना की जगह बगीचा जाया करते थे। पगडंडियों से भी रास्ता सौ किलोमीटर होगा।
इसी राईपाट से निकल कर उनके बेटे क्राईस्ट दुलार (डाॅ. सी. डी.) बाखला डाॅक्टर बने और बगीचा मे स्वास्थ्य अधिकारी हुए। 1990 मे जब उनकी पत्नी डाॅ. विनोदिनी बाखला ने वहां की प्रथम और अब तक की एकमात्र महिला डॉक्टर के रूप मे काम शुरू किया तब आस पास से लोग ‘लेडी-डाॅक्टर’ कैसी होती है यह देखने के लिए बगीचा पंहुचते थे। उन दिनो – नब्बे के दशक मे – घोड़े और खच्चर पाट क्षेत्र मे परिवहन के लोकप्रिय साधन थे। किसी भी दिन अस्पताल के सामने चार पांच घोड़े बंधे दिखाई देना आम बात थी।
डाॅ. बाखला की 93 वर्षीया मां श्रीमती प्रसादी बाखला जी घर की मुखिया हैं। हमे घर के बाहर धूप मे अखबार पढ़ती मिलीं। दीन दुनिया की पूरी जानकारी रखती हैं और अपनी राय भी। राहुल गाँधी की कभी कभी बढ़ी दाढ़ी वाली फोटो देखकर शिकायत भी करती हैं – यह लड़का रोज दाढ़ी क्यों नही बनाता। याददाश्त पैनी है। जन्म तिथि पूछने पर अपने साथ साथ एक वर्ष आगे पीछे जन्मे (जशपुर के) राजा विजय भूषण सिंह जी की जन्म तिथि भी बताती हैं।
घर को सुन्दर और सहेज कर रखने की जिम्मेदारी छोटे बेटे सुभाष और उनकी पत्नी पूना झरना बाखला की अधिक है। उन्हे इस कार्य मे मदद करती है नवीं कक्षा मे पढ़ने वाली उनकी बेटी ऐश्वर्या। ऐश्वर्या पाट की सुरम्य और शांत घाटी और नदी को पार कर छह किलोमीटर दूर स्कूल जाती है।
इस वर्ष का क्रिसमस हम सब के – राजा पुष्पा देवी सिंह जी (पूर्व सांसद), मेरी पत्नी डाॅ. मेनका देवी सिंह तथा मेरे लिए, अपने प्रेम और आतिथ्य से यादगार बनाने के लिए बाखला परिवार का आभार।
साथी श्री योगेश सिंह (ब्लॉक कांग्रेस अध्यक्ष, जशपुर) तथा श्री अमन सिंह न होते तो हम राह ही खोज न पाते। हमारे साथ रायगढ़ ज़िले के वरिष्ठ कांग्रेसी नेता श्री निशीकांत अग्निहोत्री भी थे।
लाइव भारत 36 न्यूज़ से संतोष शर्मा