सारंगढ़

जुगनू अग्रवाल ग्राहक सेवा केंद्र की मनमानी, अपने स्थान क्षेत्र खरवानी छोड़ कर ,सारंगढ़ में कर रहें है संचालित, क्षेत्र वासीयों को हो रही भारी परेशानी।।

सारंगढ़ – सारंगढ़ मे भारतीय स्टेट बैंक अपने कस्टमरों को बेहतर सुविधा देने के लिए ग्रामीण क्षेत्रों के साथ शहरी क्षेत्रों में भी अपना ग्राहक सेवा केंद्र संचालित कर रहे है ताकि लोगो को बैंक आने की जरुरत न पड़ सके और उन्हे अपने ही निवास स्थान के नजदीक में ही सुविधा मिले। लेकिन सारंगढ़ में ऐसे कई दर्जन ग्राहक सेवा केंद्र है जिनका लोकेशन कहीं और का है लेकिन चला रहे किसी दूसरे स्थान पर है ऐसा ही एक मामला सारंगढ़ स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के समीप लगे जगनू अग्रवाल ग्राहक सेवा केंद्र है जिन्होंने जब ग्राहक सेवा केंद्र के लिए आवेदन किया तो उसका मुख्य लोकेशन ग्रामीण क्षेत्र खरवानी का लिया गया है लेकिन जुगनू अग्रवाल नियम को दरकिनार कर एसबीआई बैंक के बगल मे अपने निवास पर ग्राहक सेवा केंद्र संचालित कर दिया गया है , देखा जाए तो नियम कहता है कि जिस स्थान का लोकेशन लिया गया है उसी स्थान पर ग्राहक सेवा केंद्र संचालित करना है,लेकिन साहब अपनी मन मर्जी से अपने सुविधा के हिसाब से सारंगढ़ स्टेट बैंक के बगल मे ही अपने निवास पर ही संचालित करने लग गए,देखा जाए तो ग्रामीण क्षेत्रों के किसानो अपने क्षेत्र में सुविधा नहीं मिलने की वजह से सारंगढ़ स्टेट बैंक आते है लेकिन बैंक मे दर्जनों काम को लेकर सैकड़ों लोग आए होते है जिसकी वजह से भीड़ अत्यधिक होने के वजह से ग्रामीण परेशान होकर उसके बगल मे संचालित ग्राहक सेवा केंद्र में पैसे निकालने के लिए जाते है सूत्र से तो ये भी बताया जा रहा है कि अगर उसी बैंक का खाता हो तो पैसे निकालने के लिए उन्हे फ्री सेवा देना होता है लेकिन उसके एवज में अनजान कम पढ़े लिखे लोगो से 1000 रूपए निकालने की एवज में 10 रूपए वसूल लिया जाता है ग्राहक सेवा केंद्र की मनमानी चरम पर है पहले तो उन्हे उनका लोकेशन स्थान ग्रामीण क्षेत्र है लेकिन सारंगढ़ में संचालित कर रहे है उसके बाद भी ऊपर से 10 रूपए भी वसूला जाता है आखिर इस तरह नियम को दरकिनार करने वालो के ऊपर अब तक बैंक ने किसी प्रकार का कोई ठोस कदम क्यों नहीं उठाया गया है।

प्रतिदिन स्टेट बैंक के बगल पर संचालित ग्राहक सेवा केंद्र मे आते है सैकड़ों ग्राहक

सूत्रों की माने तो खरवानी क्षेत्र में आईडी लिया गया है लेकिन वहाँ संचालित ना करते हुए सारंगढ़ में किया जा रहा है जिसकी वजह से उस क्षेत्र के सैकड़ों खाताधारक सारंगढ़ आने को मजबूर हो जाते है और पैसा निकालने की एवज में पैसे भी देने पड़ते है एक तो काम को छोड़ कर ग्रामीण 10 से 15 किलोमीटर से आते है समय के साथ उनका धन भी जाता है अगर यही सुविधा नियम के अनुसार जिस लोकेशन पर खोलते तो आज उस क्षेत्र में दर्जनों गांव है जिन्हे सारंगढ़ आने की जरूरत नहीं पड़ता और ना ही समय के साथ साथ धन हानि नहीं होती लेकिन ग्राहक सेवा केंद्र लेकर खुद मनमानी करने में लगे हुए है जिनको ना तो बैंक का डर है और ना ही नियम से कोई वास्ता है ।।

धीरज बरेठ की रिपोर्ट

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