बेमेतरा

देवकर “वार्ड पार्षद के कार्यों में अध्यक्ष एवं सीएमओ की दादागिरी
मामला नगर पंचायत देवकर का है,जहां वार्ड पार्षद ने नगर पंचायत अध्यक्ष पति बिहारी जंत्री बाई साहू एवं पंचायत के सीएमओ पर अपने वार्ड के कार्य में हस्तक्षेप का आरोप लगाया

प्राप्त जानकारी के अनुसार नगर पंचायत के वार्ड क्रमांक 8 गांधी चौक में एक पुराना ग्राम पंचायत था, जो की काफी पुराना होने के चलते जीर्ण हो चुका था । उक्त भवन का कभी भी गिरने का खतरा बना हुआ था ।इस बारे में कई बार नगर के नागरिकों ने नगर पंचायत को उक्त बिल्डिंग को तोड़कर उसके स्थान पर कोई नया निर्माण करने का आग्रह किया , लेकिन नगर पंचायत ने इस ओर कभी ध्यान नहीं दिया, जिसके चलते बिल्डिंग की स्थिति काफी जर्जर हालत में पहुंच गई, जिसके चलते, किसी भी अनहोनी से इंकार नहीं किया जा सकता था ।

बावजूद नगर पंचायत का ध्यान इस तरफ कभी नहीं गया ।
वार्ड क्रमांक 8 के पार्षद मनोज शर्मा ने इसमें पहल करते हुए एवं काफी प्रयास के बाद उक्त बिल्डिंग को तोड़ने का आदेश एवं अनुमति विभिन्न विभागों से लेकर नगर पंचायत में प्रस्तुत किया , तब कहीं जाकर सीएमओ नगर पंचायत ने बिल्डिंग गिराने का आदेश का पालन किया, पार्षद मनोज शर्मा ने अपने निधि एवं अपने निजी पैसों से बिल्डिंग को गिरवाने का काम किया, एवम उसके स्थान पर छोटे बच्चों के लिए एक छोटा पार्क बनाने का प्रस्ताव बनाकर प्रस्तुत किया, जिस पर नगर पंचायत द्वारा कार्यवाही करते हुए, छोटा गार्डन का एस्टीमेट बकायदा बनाकर उसकी टेक्निकल स्वीकृति के लिए आवेदन दुर्ग भेजा गया ।
उक्त कार्य का टेक्निकल स्वीकृति होकर नगर पंचायत में आने के बाद, नगर पंचायत अध्यक्ष पति बिहारी साहू द्वारा एवं कथित द्वारा नगर पंचायत के सीएमओ पर दबाव बनाते हुए , उक्त पार्क के स्टीमेट को निरस्त करा कर उसके स्थान पर नया एस्टीमेट तैयार किया गया ।
वार्ड पार्षद मनोज शर्मा ने इस पर आपत्ति दर्ज कराई, लेकिन नगर पंचायत द्वारा उनकी एक भी ना सुनते हुए । पार्क एवं जिम का एस्टीमेट रद्द कर दिया गया , जबकि वहां पर छोटा पार्क एवं जिम जन आकांक्षाओं के अनुरूप था । मनोज शर्मा ने इस मामले में नगर पंचायत पर भेद भाव की राजनीति करने का आरोप लगाया । उन्होंने बताया एक ओर नगर में जहां गलत तरीके से कार्य कराए जा रहे हैं, वही ऐसे कार्यों जिसे जन समर्थन मिला हो,उसमे हस्तक्षेप करना नगर पंचायत की गंदी राजनीति को बया कर रही है ।
वही नगर पंचायत के सीएमओ ने इस मामले में नगर पंचायत के इनकम के स्रोत बढ़ाने की बात कर रहे हैं, प्रश्न उठता है अगर नगर पंचायत देवकर को अपने इनकम की इतनी ही फिक्र है तो, क्यों जर्जर भवन को तुड़वाने का प्रयास आज तक नहीं किया गया , क्यों नवीन बस स्टैंड में बनने वाले व्यवसायिक परिसर को आज तक बनाया नही गया, जब की इस बीच, कई अध्यक्ष आकर चले गए और कई टेंडर बुलाए गए एवं निरस्त किए गए ।

इससे प्रतीत होता है नगर पंचायत के अधिकारी सत्ता पक्ष के दबाव के चलते अपने निर्णय ले रहे ।

नगर पंचायत के सीएमओ का भेद पूर्ण कार्यवाही है , अधिकारी सत्तापक्ष के दबाव में आकर कार्य कर रहे हैं

मनोज शर्मा पार्षद नेता प्रतिपक्ष

इस मामले में किसी प्रकार की कोई भेद पूर्ण कार्यवाही नहीं है नगर पंचायत अपनी आय के स्रोत को बढ़ाने के लिए वहां पर व्यवसायिक कांप्लेक्स बनाने का निर्णय पर विचार कर रही है।

लाइव भारत 36 न्यूज़ से अतुल तिवारी बेमेतरा

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