रायगढ़

शिकायत पत्र में कार्यवाही की मांग, जिलाध्यक्ष डिग्री लाल साहू के नेतृत्व में रायगढ़ एसपी को सौंपा गया ज्ञापन।

आज दिनांक 27 नवम्बर 2020 को जिला साहू संघ के द्वारा रायगढ़ एसपी संतोष सिंह के मुलाकात कर ज्ञापन सौंपा गया। ज्ञापन में केडार जन चौपाल के दौरान दिए गए शिकायत पत्र का उल्लेख है जिसमे आज तक सिर्फ जांच चल रही है जबकि पर्याप्त साक्ष्यों के बाद भी वसुलीबाज पत्रकारों पर कोई कार्यवाही नही की गयी है। जिला साहू संघ ने एसपी रायगढ़ से मिलकर आज पूरी बात रखी व जल्द से जल्द दोषियों पर कार्यवाही की मांग की। गौरतलब है की पूरा मामला साहू समाज धर्मशाला का है साहू समाज सारंगढ़ के द्वारा आपसी सहयोग से सामाजिक भवन का निर्माण किया जा रहा है जिस पर सारंगढ़ अंचल के कुछ वसुलीबाज व तथाकथित वरिष्ठ पत्रकारों भरत अग्रवाल,ओमकार केसरवानी व वीशू गुरु ने आपत्ति की व उच्च स्तर पर शिकायत की धमकी दी साथ ही साथ रकम उगाही के लिए भी दबाव डाला जिस पर साहू समाज के पदाधिकारियों द्वारा विगत 3 नवंबर 2020 को केड़ार में एसपी के जन चौपाल कार्यक्रम में तीनो ही पत्रकारों के खिलाफ एसपी रायगढ़ को शिकायत पत्र सौंपा.
एसपी ने दिया था एसडीओपी को जांच का जिम्मा
साहू समाज के आवेदन को गंभीरता से लेते हुए जिले के संवेदनशील पुलिस कप्तान ने त्वरित संज्ञान लेते हुए जन चौपाल स्थल में ही सारंगढ़ एसडीओपी को जांच का जिम्मा सौंप दिया था। बाद में जब एसडीओपी द्वारा जांच में बयान हेतु तीनों पत्रकारों को बुलाया गया था तो पत्रकार भरत अग्रवाल ने जमकर हंगामा खड़ा कर दिया और जांच को प्रभावित करने के लिए कुछ कांग्रेस नेताओं का ना सिर्फ सहारा लिया बल्कि उनसे बिना तथ्यों के बयान भी जारी करवा कर जनता की नजर में उन्हें भी कटघरे में खड़ा करने में कोई कसर नही छोड़ा।

जांच में सहयोग ना करने के पीछे भी एक षड्यंत्र

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार साहू समाज धर्मशाला मामले में हंगामा खड़ा करना एक प्रायोजित कार्यक्रम था असल में एक पुलिस अधिकारी के द्वारा ही यह कूट रचना रची गयी थी जिसके पीछे लंबी कहानी छन कर सामने आ रही है। अंचल में लगभग 50 शिकायतों से ज्यादा के सम्मान से विभूषित एक पुलिस अधिकारी के समस्त शिकायतों में जांच का जिम्मा भी अंचल के युवा व होनहार एसडीओपी जितेंद्र खूंटे के हांथों में था जिससे उक्त पुलिस अधिकारी परेशान चल रहा था ऐसे वक्त में साहू समाज का प्रकरण सामने आया जिसमे वसुलीबाज पत्रकारों पर मामला बनना लगभग तय था। तीन में से 2 पत्रकार उक्त पुलिस अधिकारी के महिमामंडन वाले थे अतः उक्त पुलिस अधिकारी को तकलीफ होना लाजिमी था ऐसे में एक कूटरचना के तहत साहू समाज वाले मामले को प्रभावित करने का कुत्सिक प्रयास किया गया लेकिन झूठ की उम्र एक सच पर आकर समाप्त हो जाती है. इस मामले में भी यही हुआ एसडीओपी को बदनाम कर ट्रांसफर करवाने की मंशा पालने वाले एक पुलिस अधिकारी का कूटरचित झूठ का पर्दाफाश हो ही गया. अपने आधे सैकड़ों की शिकायतों को ठंडे बस्ते में डलवाने की इच्छा उक्त आधिकारी पर ही भारी पड़ गयी. वही तीनो पत्रकारों द्वारा एसडीओपी सारंगढ़ की छवि खराब करने के उद्देश्य से जिला स्तर पर भी पत्रकारों को दिग्भ्रमित करने का असफल प्रयास किया गया.

वसुलीबाज पत्रकार पूर्व में भी पाया गया है दोषी

पूरे विवाद में यह जानना महत्त्वपूर्ण है कि जिनके खिलाफ साहू समाज रायगढ़ के प्रतिनिधि मंडल ने आज एसपी रायगढ़ को ज्ञापन सौंपा है वह 2012-13 के एक इसी प्रकार के मामले में डिस्ट्रिक्ट कोर्ट से दोषी पाया गया है और अभी हाइकोर्ट में याचिका दायर होने की वजह से जमानत पर चल रहा है।

प्रगतिशील सतनामी समाज रायगढ़ ने कल दिया है ज्ञापन

इस मामले में कल दिनांक 26 नवम्बर को ही अपने समाज के होनहार व कर्तव्यनिष्ठ एसडीओपी के समर्थन में जिला स्तरीय संगठन द्वारा एसपी रायगढ़ को ज्ञापन सौंपा गया है वहीं उनके ज्ञापन में पुराने प्रकरण में भरत अग्रवाल को मील जमानत भी रद्द करने की मांग जिला स्तरीय पदाधिकारियों द्वारा एसपी रायगढ़ से की गयी. गौर तलब है की अजाक थाने के दर्ज एक मामले में उक्त पत्रकार भरत को 5 साल की सजा मिली हुई है और वह वर्तमान में जमानत पर बाहर है तो यदि ऐसे में जमानत के शर्तों का उललंधन भरत द्वारा किया जाता है तो जमानत रदद् की कार्यवाही प्रस्तावना भी संभव है.

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