बलौदा बाजार

नोनिहालो को डेढ़ किलोमीटर कीचड़ भरे रास्ते से जाना पड़ता है स्कूल

लवन से धीरेन्द्र साहू की रिपोर्ट

जिला बलौदाबाजार///आजादी के 75 साल बीत जाने के बाद भी नौनिहालों को स्कूल तक का सफर 1.5 किलोमीटर के दलदल भरे रास्ते को पार करके जाना पड़े, तो सरकारी सिस्टम पर यकीनन सन्देह होता है।लेकिन उससे भी ज्यादा तरस उन बच्चों पर आता है, जो रोजाना डरते सहमते हुए स्कूल तक पहुुंचते है। एक तरफ राज्य और केेन्द्र सरकार स्कूल चलो अभियान के लिए करोड़ो रूपए खर्च कर रही है, वही दूसरी ओर बलौदाबाजार जनपद के ग्राम पंचायत करदा के प्राथमिक, मिडिल स्कूल व हाई स्कूल के छात्र छात्राओं को घुटनों भरी लतपथ कीचड़ और गंदगी के बीच से रोज स्कूल जाना उनकी मजबूरी बना हुआ है।
नौनिहाल कीचड़ भरे दलदल युक्त रास्ते से होकर पहुंचते है स्कूल। बांधा पहुंच मार्ग की दूरी महज 1.5 किलोमीटर है वह भी काफी दलदल, करीब 100 नौनिहाल बच्चे और हाईस्कूल के छात्र-छात्राए इसी कच्चे मार्ग से होकर रोजाना स्कूल पहुंचते है। जिस कीचड़ के दलदल वाले रास्ते में कोई अपना पैर भी नहीं रखना चाहता, उसी रास्ते से होकर नौनिहाल रोजाना स्कूल तक का सफर तय करते है। दलदल वाला ये रास्ता छोटा-मोटा नही, बल्कि पूरे 1.5 किलोमीटर लंबा है।
*कीचड़ की वजह से खराब हो जाती है किताबें*
कई बार तो इन नौनिहालों को घुटने तक कीचड़ से होकर गुजरना पड़ता है। कभी किसी का पैर फिसलता है, तो कभी कोई पूरा का पूरा कीचड़ में गिर जाता है। बच्चों की माने तो कई बार इनकों चोंट भी लगती है। यूनिफार्म और काॅपी किताबे भी कीचड़ से खराब हो जाती है।
*ग्रामीणों का कहना हैं विधायक ने रोड निर्माण के लिए की हैं एक करोड़ रुपये की अनुशंसा*
यंहा रहने वाले बच्चों के अभिभावक पूर्व जनपद सदस्य फुलसाय साहू, मिथुन प्रसाद साहू, नारद पैकरा, भुनेश्वर रात्रे, भागचंद डहरिया, नंदू चेलक, बहूर सिंह पैकरा, पन्नालाल डहरिया ने बताया कि क्षेत्रीय विधायक सुश्री शकुन्तला सहू के द्वारा दो वर्ष पहले रोड निर्माण लिए एक करोड़ रुपिए की अनुशंसा की जा चुकी हैं। जिस पर अभी तक कोई पहल नहीं हो पाया। ग्रामीणों ने स्कूली बच्चों व लोगों की परेशानी को देखते हुए शीघ्र ही रोड निर्माण किए जाने की मांग किया गया है।
तबियत खराब होने पर चारपाई में लिटाकर ले जाते हैं रोड तक
करदा गांव के इस मोहल्ले में करीब 70 घरों के लोग निवासरत है। जिन्हें भी इसी रास्ते से होकर आना-जाना पड़ता है। कीचड़ भरी मार्ग होने के चलते यंहा सरकारी सेवा एम्बुलेंस व महतारी एक्सप्रेस भी नहीं पहुंच पाते है।
कुछ दिन पहले एक एंबुलेंस भी दलदल मे फस गई थी जिन्हें 8 ट्रैक्टरों के द्वारा भी नहीं निकाला जा सका था। उसे क्रेन कि मदद से निकाला गया था। आपको बता दें कि गांव के तीन चार ग्रामीणों का तबियत खराब होने पर समय पर अस्पाल नहीं पहुंच पाने की वजह से ग्रामीणों को मौत हो चूकी है। ग्रामीणों ने बताया कि यंहा अगर किसी का तबियत खराब हो जाता है तो उसे चारपाई में लिटाकर बड़ी मुश्किल से दलदल पारकर निकलते है।
हाईस्कूल के छात्र-छात्राएं भी इसी रास्ते से जाते है स्कूल।।करदा में गांव के छात्र-छात्राओं को गांव में ही हाईस्कूल व हायर सेकेण्डरी की शिक्षा प्राप्त हो इसलिए शासन-प्रशासन के द्वारा हायर सेकेण्डरी भवन तो बना दिये है, लेकिन इस बांधा पहुंच मार्ग के आगे हायर सेकेण्डरी भवन बना है, उक्त मार्ग पर कीचड़ होने के चलते गांव के 11वी, 12वीं के विद्यार्थी मरदा व लवन हाईस्कूल पढ़ने जाने के लिए मजबूरीवश जाते है। वही, ग्रामीणों व किसानों को उक्त मार्ग से होकर खेत आना-जाना पड़ता है, जिन्हें भी काफी कठिनाईयों का सामना करना पड़ता है। उक्त मार्ग पर सीसी रोड नहीं होने के चलते हर ग्रामीण परेशान है। ग्रामीणों को केवल आश्वासन पर आश्वासन ही मिलता जा रहा है।

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