जशपुर जिला

आज स्वतंत्रता दिवस विशेष-अरविंद तिवारी की कलम से

रायपुर — भारत का राष्ट्रीय पर्व स्वतंत्रता दिवस हर वर्ष १५ अगस्त को मनाया जाता है। सन् १९४७ में इसी दिन भारत के निवासियों ने ब्रिटिश शासन से स्‍वतंत्रता प्राप्त की थी। इस आजादी को दिलाने में कई वीरों को अपनी जान की आहुति देनी पड़ी। यह दिन हमें हमारे स्वतंत्रता सेनानियों के त्याग को याद दिलाता है। पूरे भारत में अनूठे समर्पण और अपार देशभक्ति की भावना के साथ स्वतंत्रता दिवस मनाया जाता है। इस दिन प्रतिवर्ष भारत के प्रधानमंत्री दिल्ली के लाल किले की प्राचीर से देश को सम्बोधित करते हैं।आज 74 वें स्वतंत्रता दिवस पर दिल्ली के लालकिले में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मंच की सजावट इस बार सोलन के विशेष फूलों से होगी।इस वर्ष लाल क़िले पर होने वाला स्वतंत्रता दिवस का मुख्य समारोह कोरोना महामारी के बीच सभी के द्वारा प्रोटोकॉल का पालन करते हुये सम्पन्न होगा। इस बार होने वाले आयोजन के बदलाव में प्रधानमंत्री समेत लालकिले पर मौजूद सभी अतिथि और अन्य लोग मास्क लगाये नज़र आयेंगे। लाल किले पर होने वाले औपचारिक समारोह की शुरुआत से पहले हर साल की तरह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सुबह 07:00 बजे राजघाट पहुंँचकर राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को श्रद्धांँजलि देंगे। राजघाट पर सोशल डिस्टेंशिंग के प्रोटोकॉल का सख़्ती से पालन किया जायेगा। पीएम के आने के एक घन्टा पहले राजघाट को पूरी तरह सैनिटाइज किया जायेगा। सैनिटाइज़ होने के बाद किसी को भी राजघाट परिसर में अंदर जाने की इजाज़त नहीं मिलेगी। राजघाट पर राष्ट्रपिता को श्रद्धांजलि देने के बाद पीएम मोदी लालकिला के लिये रवाना हो जायेंगे। वैश्विक कोरोना महामारी के चलते इस बार लालकिले का नज़ारा बिल्कुल बदला बदला सा नज़र आने वाला है। प्रधानमंत्री के लाल किला पहुंँचने के बाद उनकी अगुवाई रक्षा मंत्री , रक्षा राज्य मंत्री , रक्षा सचिव और सेना के जनरल ऑफिसर कमांडिंग ( दिल्ली एरिया ) करते हैं. स्वागत करते वक्त चारों गणमान्य प्रधानमंत्री का नमस्कार और हाथ मिलाकर अभिवादन करते हैं. इसके बाद पीएम लालकिले की प्राचीर पर जाते वक़्त तीनों सेनाओं के प्रमुखों की भी सलामी लेने के अलावा हाथ मिलाते हैं। लेकिन इस बार ऐसा नहीं हो पायेगा , इस बार हाथ मिलाने की पूरी तरह मनाही रहेगी। प्रधानमंत्री ठीक 07:30 बजे क़िले की प्राचीर से तिरंगा फहरायेंगे , ध्वजारोहण के बाद राष्ट्रगान गाना जायेगा और 21 बार गोलियाँ चलाकर सलामी दी जायेगी। जिसके बाद उनका भाषण शुरू होगा। लालक़िले की प्राचीर पर जहांँ ध्वजारोहण करने के बाद प्रधानमंत्री राष्ट्र को सम्बोधित करते हैं उसके दोनों तरफ़ हर साल क़रीब 800 विशिष्ट मेहमानों के बैठने के लिये कुर्सियां लगायी जाती हैं। इनमें केंद्र सरकार के मंत्री , मुख्य न्यायाधीश और सभी देशों के राजदूतों और उच्चायुक्तों के अलावा केंद्र और दिल्ली सरकार के चुनिंदा अधिकारी शामिल होते हैं। कोरोना से जुड़े प्रतिबंधों के चलते इस बार भाषण मंच के दोनों तरफ़ केवल 100 – 125 लोगों के बैठने की व्यवस्था की गयी है। स्वतंत्रता दिवस पर दिल्ली के लालकिले में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मंच की सजावट इस बार सोलन के विशेष फूलों से हुई है। भाषण मंच के सामने लालकिला मैदान में हर साल दिल्ली के अलग अलग स्कूलों के 4200 बच्चों को तिरंगा के तीनों रंगों के कपड़ों में बिठाया जाता है।कार्यक्रम का समापन होने के बाद हर साल प्रधानमंत्री उन बच्चों से मुलाक़ात करते नजर आते हैं। इस साल केवल 500 एनसीसी कैडेटों को ही बैठाया जायेगा। सोशल डिस्टेंशिंग के प्रोटोकॉल के चलते इन बच्चों से पीएम उस तरह से घुलमिल कर मुलाक़ात नहीं कर पायेंगे जैसा पहले से करते आये हैं। हालांकि सूत्रों के मुताबिक़ तिरंगा के रंगों वाले कपड़े पहने कुछ बच्चों को बिठाने का अंतिम क्षण में फ़ैसला हो भी सकता है। इस दिन लाल किला से टीवी के डीडी नेशनल चैनल पर आल इंडिया रेडियो में सीधा प्रसारण किया जाता है। आतंकवाद के खतरे को देखते हुये इस बार सुरक्षा के कड़े इंतजाम किये गये हैं। इस स्वतंत्रता दिवस पर डेढ़ हजार कोरोना वाॉरियर्स शामिल होंगे। जिनमें दिल्‍ली पुलिस के 200 जवानों के अलावा पैरामिलिट्री फोर्सेज के जवान होंगे। इसके अलावा कोरोना से ठीक हो चुके लोगों को भी बुलाया गया है। कोरोना को देखते हुये इस बार लाल किले पर खास इंतजाम किये गये हैं। मेटल डिटेक्टर के पास तैनात जवान पीपीई किट पहने दिखेंगे। साथ ही आने वाले लोगों के लिये सेनेटाइजर, दो गज की दूरी, मास्क और आरोग्य सेतु एप जरूरी कर दी गयी है। इसी तरह देश के कोने कोने में आज स्वतंत्रता दिवस का पर्व कोरोना संक्रमण के कारण कोविड प्रोटोकॉल का पालन करते हुये विशेष सावधानियों के साथ मनाया जायेगा। प्रदेश में मुख्यमंत्री का संदेश वाचन किया जायेगा। इस बार समारोह में मार्च पास्ट नही होगा, केवल राष्ट्रीय ध्वज को सलामी दी जायेगी। कार्यक्रम में कोरोना वारियर्स , डाक्टर , पुलिसकर्मियों , स्वास्थ्यकर्मियों एवं स्वच्छताकर्मियों को विशेष रूप से आमंत्रित कर सम्मानित किया जायेगा। स्थानीय प्रशासन , जिला प्रशासन , नगरीय निकायों एवं पंचायतों , शैक्षणिक संस्थाओं के कार्यक्रम में स्कूली छात्र-छात्राओं की भागीदारी प्रतिबंधित रहेगी। किसी भी प्रकार के सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित नही होंगे और मिष्ठान वितरण भी नहीं होगा।

अविनाश राजपूत के रिपोर्ट

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