प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय नगरी के तत्वावधान में शिक्षक समारोह एवं शिक्षक भावी पीढ़ी के वास्तुकार विषय पर संगोष्ठी का आयोजन किया गया|
इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में सेवानिवृत्त विकास खंड शिक्षा अधिकारी श्री आरएन देव जी विशेष अतिथि के रुप में सेवानिवृत्त विकास खंड शिक्षा अधिकारी एवं प्राचार्य श्री ए एल बनपेला जी वर्तमान विकास खंड शिक्षा अधिकारी श्री सतीश प्रकाश सिंह जी सेवानिवृत्त व्याख्याता श्री एससी पटेल जी,सेवानिवृत्त शिक्षक श्री बृजलाल साहू जी,शासकीय हायर सेकेंडरी स्कूल सांकरा के प्राचार्य श्रीमती अनिभा अग्रवाल,सेवानिवृत्त व्याख्याता श्री गौतम चंद साहू जी,एवं कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे
राजयोगिनी ब्रह्माकुमारी माधुरी बहन जी मंच पर विराजमान रहे|इस कार्यक्रम में लगभग 50 शिक्षकों की उपस्थिति रही|कार्यक्रम का शुभारंभ महान दार्शनिक ,शिक्षाविद,भारत रत्न डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन की छाया चित्र पर दीप प्रज्वलित करके प्रारंभ किया गया| इस अवसर पर विद्वान शिक्षकों ने अपने अनुभव शेयर करते हुए कहा की निर्माण एवं प्रलय शिक्षक की गोद में खेला करती है |
मानव जन्म से इंसान नहीं है उन्हें कोई न कोई शिक्षक इंसान बनाया है, यह अवसर पर हम शिक्षकों को एकत्रित होकर के अपने विचारों का आदान प्रदान करके एक दूसरे को प्रेरित करने का अवसर प्रदान करता है |श्री बृजलाल सार्वा जी ने प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय की प्रशंसा करते हुए कहा कि इस स्थान पर आकर मुझे गहन शांति का अनुभव होता है,उन्होंने इस संस्था द्वारा मानव कल्याण के लिए किए जा रहे कार्यों की भूरी भूरी प्रशंसा किया|श्री एस सी पटेल जी ने कहा कि शिक्षक दिवस का कार्यक्रम केवल शैक्षणिक संस्थाओ में ही ना हो बल्कि पूरे समाज को करना चाहिए|
श्री ए.एल.बनपेला जी ने कहा शिक्षक निरीह प्राणी नहीं बल्कि ज्ञान धन से संपन्न है ,एक अच्छे शिक्षक का सम्मान विद्यार्थी एवं समाज स्वत: ही करता है|श्री सतीश प्रकाश सिंह जी ने कहा इस वनांचल क्षेत्र में शिक्षकों के साथ मिलकर कंधे से कंधा मिलाकर के समाज के उत्तरोत्तर उन्नति के लिएअच्छे परिणाम मूलक कार्य करना चाहता हूं|कार्यक्रम में श्री पदुम साहू व्याख्याता ने स्वरचित कविता का पठन किया,श्रीआर एल देव जी ने कहा शिक्षक समाज का एक महत्वपूर्ण अंग है जिसके बगैर हम सभ्य समाज की कल्पना नहीं कर सकते|
राजयोगिनी ब्रह्माकुमारी माधुरी बहन ने शिक्षक शब्द का अर्थ शिष्टाचार,क्षमाशील,कर्तव्यनिष्ठ से परिपूर्ण होना बताया।शिक्षक को एक आर्किटेक्ट की संज्ञा देते हुए कहा प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय मे परम पिता, परम सद्गुरु,जिन्हें हम सत्यम शिवम सुंदरम भी कहते हैं,राज योग की शिक्षा देकर समाज में आध्यात्मिकता एवं नैतिक उत्थान का कार्य कर रहे।उन्होंने इस कार्य में सभी को जुड़ने के लिए आह्वान किया |कार्यक्रम को श्रीमतीअनिभा अग्रवाल एवं श्रीमती सुषमा आङिल ने भी संबोधित किया।अंत में सभी अतिथियों एवं शिक्षकों को श्रीफल एवं परमात्मा की सुंदर रचना श्री लक्ष्मी श्री नारायण की फोटो ,पेन
एवं गमछा भेंट किया गया| मंच संचालन लोकेश कुमार साहू एवं लक्ष्मी साहू ने किया, कार्यक्रम के अंत में पूर्व नगर पंचायत अध्यक्ष श्री नंद यादव जी ने सभी अतिथियों का आभार व्यक्त करते हुए आगामी कार्यक्रम के लिए भी आशीर्वाद बनाए रखने का आग्रह किया|
शुभम सौरभ साहू ब्यूरो चीफ लाइव भारत 36 न्यूज़ धमतरी 83