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अपने चहेतों को लाखों रुपये का टेंडर देने के लिए आदिवासी विभाग ने निकाल दिया फर्जी अखबार…सहायक आयुक्त को बर्खास्त कर उसके खिलाफ जल्द दर्ज हो एफआईआर… अन्यथा 10 सितंबर को सांकेतिक धरना और 15 सितंबर से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर बैठेंगे पत्रकार…

जांजगीर-चांपा, चहेतों को लाखों रुपए का टेंडर देने के लिए अखबार की फर्जी छपाई कराने के आरोप से घिरे आदिवासी विकास विभाग के सहायक आयुक्त को बर्खास्त करने की मांग की गई है। अखबार के संपादक ने चेतावनी दी है कि दोषी अधिकारी पर कार्रवाई नहीं होगी तो वे आंदोलन करेंगे।

जांजगीर-चांपा से प्रकाशित ‘छत्तीसगढ़-एक्सप्रेस’ अखबार के फर्जी छापे जाने की जानकारी आरटीआई से मिली है। सहायक आयुक्त पीसी लहरे द्वारा छात्रावास आश्रम आदि के लिए छपाई के लिये 30 लाख का टेंडर जारी किया गया था। नियमानुसार अखबारों में टेंडर का प्रकाशन होना जरूरी होता है, ताकि सभी इच्छुक लोग स्पर्धा में भाग ले सकें। इन विज्ञापनों का प्रकाशन जनसंपर्क संचालनालय रायपुर के माध्यम से कराया जाता है। संचालनालय द्वारा अखबारों को आईडी पासवर्ड व नंबर के साथ विज्ञापन का प्रारूप भेजा जाता है। सूचना का अधिकार से जानकारी मिली कि इस अखबार ने 25 जनवरी 2021 के अंक में उक्त विज्ञापन को प्रकाशित किया है जिसकी प्रति टेंडर के साथ फाइल की गई है। इसके अलावा रायपुर का भी एक प्रमुख अखबार भी टेंडर में नस्ती किया गया है।

छत्तीसगढ़ एक्सप्रेस के संपादक और प्रकाशक राजेश सिंह क्षत्री इस जानकारी से आश्चर्यचकित रह गए क्योंकि उनके अखबार को जनसंपर्क विभाग ने ऐसा कोई विज्ञापन नहीं दिया है। उन्होंने अपना मूल अखबार खंगाला तब इस बात की पुष्टि हो गई कि विज्ञापन उनके मूल अखबार में नहीं छपा है। अर्थात उनके अखबार की फर्जी प्रति छापकर टेंडर के साथ नस्ती की गई है। जनसंपर्क संचालनालय से भी मालूम हुआ कि टेंडर का जो नंबर 86529 बताया जा रहा है वह किसी दूसरे विभाग के लिए जारी हुआ है, जांजगीर सहायक आयुक्त आदिवासी विकास विभाग के लिये नहीं।

फर्जी प्रति छाप कर भ्रष्टाचार के लिए अपने अखबार का दुरुपयोग पाए जाने पर संपादक ने जांजगीर-चांपा जिले के कलेक्टर जितेंद्र शुक्ला के संज्ञान में यह बात लाई। उन्होंने कहा कि रायपुर के जिस दूसरे प्रमुख अखबार में विज्ञापन प्रकाशित होना बताया जा रहा है वह भी फर्जी प्रतीत होता है क्योंकि विज्ञापन का क्रमांक किसी दूसरे के लिये जारी हुआ है। साथ ही इस श्रेणी के टेंडर का विज्ञापन संभाग के अखबारों में ही प्रकाशित होता है, रायपुर से नहीं।

अपने अखबार की फर्जी प्रति छापे जाने की शिकायत कलेक्टर के अलावा श्री क्षत्री ने राज्यपाल, मुख्यमंत्री तथा संबंधित सभी उच्चाधिकारियों से की है मगर अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है। क्षत्री का कहना है कि साफ-साफ फर्जी प्रकाशन के पकड़ में आने के बावजूद उक्त अधिकारी पर कार्रवाई करने में ढिलाई बरती जा रही है। उनकी मांग है कि अधिकारी को बर्खास्त कर उसके खिलाफ एफआईआर दर्ज की जाए। ऐसा नहीं होने पर वे 10 सितंबर को सांकेतिक धरना देंगे और 15 सितंबर से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर बैठेंगे।

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