खाद की कालाबाजारी करने वालों पर कार्यवाही करने के निर्देश
दुकानों के बाहर खाद की निर्धारित दर की सूची लगाने और किसानों को रसीद अनिवार्य रूप से दुकानदार देंगे
जशपुरनगर 24 अगस्त 2021/कलेक्टर श्री महादेव कावरे ने आज कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में राजस्व विभाग के अधिकारियों, सभी एसडीएम, तहसीलदार, नायब तहसीलदार की समीक्षा बैठक लेकर बटांकन, सीमांकन, नामांतरण और पंचायतों से बकाया वसूली की राशि की जानकारी, रिकार्ड दुरुस्तीकरण, लोक सेवा गारंटी अधिनियम, मुख्यमंत्री जन चौपाल और राजस्व के लंबित प्रकरणों की एक-एक करके गहन समीक्षा की। उन्होंने सभी राजस्व अधिकारियों को अपने विभाग से संबंधित प्रकरणों को निराकरण गंभीरता से करने के निर्देश दिए हैं। साथ ही एक साल से 02 साल तक के लंबित प्रकरणों को भी प्राथमिकता लेते हुए समय-सीमा का ध्यान रखते हुए निराकरण करने के निर्देश दिए हैं।
कलेक्टर ने सभी एसडीएम को उचित मूल्य दुकानों से बारदानों का उठाव करवा करके विपणन विभाग में जमा करवाने के निर्देश दिए हैं। धान खरीदी करने के लिए अच्छी और गुणवत्तायुक्त बारदाने की आवश्यकता पड़ती है सभी एसडीएम और तहसीलदार अपने-अपने क्षेत्र में बारदाने जमा करवाना सुनिश्चित करेंगें।
उन्होंने बैठक में कृषि अधिकारी से खेती-किसानी को देखते हुए सोसायटी और दुकानों में डी.ए.पी. और यूरिया खाद की उपलब्धता के बारे में जानकारी ली। उन्होंने कहा कि दुकानों से निर्धारित दर से अधिक खाद को विक्रय करने की शिकायत आ रही है। सभी एसडीएम अपने-अपने क्षेत्र में दुकानों का निरीक्षण करें और खाद बेचने वाले दुकानदारों पर कार्यवाही करने के निर्देश दिए। निरीक्षण के दौरान दुकानों में खाद के मूल्य की सूची का प्रदर्शन होना अनिवार्य है साथ ही खाद खरीदने वाले किसानों को रसीद भी देना जरूरी है। उन्होंने कहा कि खाद बेचने वाले दुकानदार इन मानदंडों को पालन नहीं करते हैं तो कार्यवाही करें। इस अवसर पर जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री के.एस.मण्डावी, अपर कलेक्टर श्री आई.एल.ठाकुर, सभी एसडीएम, तहसीलदार और नायब तहसीलदार उपस्थित थे।
उन्होंने सभी राजस्व अधिकारियों को गिरदावरी के कार्य को भी गंभीरता से करने के निर्देश दिए हैं।
गिरदावरी के आधार पर ही धान खरीदी की जाती है। इसलिए गिरदावरी का कार्य बेहतर किया जाना जरूरी है और ऑनलाइन एंट्री भी की जानी है। समीक्षा के दौरान उन्होंने बटांकन, नामांतरण, सीमांकन प्रकरणों की भी जानकारी लेते हुए 02 साल से अधिक लंबित प्रकरणों का निराकरण करने के निर्देश दिए। साथ ही अभिलेख सुधार और रिकॉर्ड दुरुस्तीकरण करने के लिए कहा गया है। उन्होंने सभी एसडीएम को पंचायतों से बकाया राशि की वसूली करने के भी निर्देश दिए हैं। अविवादित वाले प्रकरणों को भी निराकरण करके ऑनलाइन एंट्री करने के लिए कहा है। साथ ही भू-अर्जन के प्रकरणों एवं लोक सेवा गांरटी अधिनियम के तहत् प्राप्त आवेदनों की जानकारी लेकर आवेदनों को भी प्राथमिकता से लेते हुए निराकरण करने के निर्देश दिए हैं।
समीक्षा के दौरान उन्होंने सभी अधिकारियों को छत्तीसगढ़ शासन की महत्वपूर्ण और नई योजना राजीव गांधी ग्रामीण भूमिहीन कृषि मजदूर न्याय योजना के क्रियान्वयन के संबंध जानकारी दी। उन्होंने कहा कि योजना का उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में भूमिहीन कृषि मजदूर परिवारों की पहचान करना तथा भूमिहीन कृषि मजदूर परिवारों को वार्षिक आधार पर आर्थिक अनुदान उपलब्ध कराना है। आर्थिक अनुदान के माध्यम से भूमिहीन कृषि मजदूर परिवारों के शुद्ध आय में वृद्धि करना है। छत्तीसगढ़ प्रदेश के समस्त जिलों में वित्तीय वर्ष 2021-22 से इसे लागू किया जा रहा है।
हितग्राही परिवार की पात्रता श्रेणी में छत्तीसगढ़ का मूल-निवासी होना अनिवार्य है। साथ ही ग्रामीण क्षेत्र में ऐसे सभी मूल निवासी भूमिहीन कृषि मजदूर परिवार इस योजना का लाभ प्राप्त करने हेतु पात्र होंगे। जिस परिवार के पास कृषि भूमि नहीं है वे पात्र होंगे। पट्टे पर प्राप्त शासकीय भूमि, तथा वन अधिकार प्रमाण पत्र को कृषि भूमि माना जाएगा। बैठक में बताया गया कि पात्र परिवारों को राजीव गांधी ग्रामीण भूमिहीन कृषि मजदूर न्याय योजना पोर्टल पर पंजीयन करना अनिवार्य होगा। अपंजीकृत परिवारों को योजना का लाभ नहीं मिलेगा। योजना के अंतर्गत अंतिम रूप से चिन्हांकित हितग्राही परिवार के मुखिया को राशि 6 हजार रुपए का अनुदान सहायता राशि प्रतिवर्ष दी जाएगी। योजना का लाभ लेने के लिए पात्र हितग्राही 01 सितम्बर 2021 से 30 नवम्बर 2021 तक आवेदन ग्राम पंचायत में किया जा सकता है। ग्राम पंचायतों में सचिवों के माध्यम से आवेदन जमा किया जाएगा और पात्र हितग्राहियों को पोर्टल में भी एंट्री जानी है। साथ ही खसरा, बी-1 को भी चस्पा किया जाना होगा।
लाइव भारत 36 न्यूज जिला रिपोर्टर