“30 तक डी ए नहीं तो 3 सितम्बर को कलमबंद”
छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन के कलम रख मशाल उठा आंदोलन के पांचवे चरण मे दिनांक 08 अगस्त को रायपुर मे आयोजित न्याय सभा मे कर्मचारियों का दर्द छलका और सरकार से पूछा कर्मचारियों के लिए न्याय योजना कब बनेगी, छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन के जिला संयोजक प्रमोद तिवारी ने बताया की फेडरेशन लगातार कर्मचारियों अधिकारियो की जायज मांग को लेकर सरकार का ध्यान आकृष्ट करने मे लगा है लेकिन सरकार शासकीय सेवको को नजर अंदाज कर रही है जिससे कर्मचारियों मे आक्रोश व्याप्त है. फेडरेशन के द्वारा अभी तक पांच चरण मे आन्दोलन किया जा चूका है लेकिन सरकार द्वारा कोई भी पहल नहीं किये जाने से अब कर्मचारियों को आन्दोलन का रास्ता अपनाना पड़ेगा. डी.ए. कर्मचारियों का हक है जो मूल्य सूचकांक पर आधारित होता है किन्तु शासन ने राज्य के कर्मचारियों को जुलाई 2019 से डी.ए. नहीं दिया है. जिससे कर्मचारी आक्रोशित है. फेडरेशन अपनी 14 सूत्रीय मांग को लेकर पूर्व मे चार चरण मे आन्दोलन कर चूका है जिसमे लिपिक सहित अन्य संवर्ग के वेतन विसगंती का निराकरण, जुलाई 2019 से लंबित महंगाई भत्ता, सातवे वेतनमान के बकाया एरियर्स का एकमुश्त भुगतान अनियमित कर्मचारियों का नियमितीकरण आदि मांग है. पांचवे चरण न्याय सभा जो वादा निभाओ प्रतीकात्मक अनशन के रूप मे आयोजित थी, फेडरेशन से सम्बन्ध सभी प्रांताध्यक्ष, महामंत्री, जिला संयोजक उपस्तिथ थे सभी मे एक साथ इस बात का एलान किया की यदि सरकार 30 अगस्त तक महंगाई भत्ता जारी करने सम्बन्धी आदेश प्रसारित नहीं करती है तो 03 सितम्बर को सभी अधिकारी कर्मचारी कलम बंद कर प्रदर्शन करेंगे.
विनोद साहू लाइव भारत 36 न्यूज़ कांकेर