तमनार

छत्तीसगढ़ में विद्यार्थी दिवस मनाने की शुरुआत 2017 में खरसिया से हुई

खरसिया : छत्तीसगढ़ प्रदेश में विद्यार्थी दिवस मनाने की शुरुआत खरसिया शहर से हुई। दिनांक 07 नवंबर 2017 को पहली बार छत्तीसगढ़ में विद्यार्थी दिवस मनाया गया।


इसकी शुरुआत तब हुई जब महाराष्ट्र सरकार के शिक्षा विभाग द्वारा 27 अक्टूबर 2017 को निर्णय लिया गया कि डॉ. भीमराव आंबेडकर के विद्यालय प्रवेश के ऐतिहासिक दिवस 07 नवंबर को प्रत्येक वर्ष विद्यार्थी दिवस के रूप में मनाया जाएगा। महाराष्ट्र शासन से आदेश जारी हुआ कि राज्य के सभी विद्यालयों एवं कनिष्ठ महाविद्यालयों में डॉ. भीमराव आंबेडकर के जीवन पर आधारित व्याख्यान, निबंध प्रतियोगिताएं, प्रश्नोत्तरी, कविता पाठ सहित विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।
महाराष्ट्र सरकार के द्वारा बाबा साहब डॉ अम्बेडकर के विद्यालय प्रवेश की तिथि को विद्यार्थी दिवस के रूप में मनाए जाने के निर्णय की जानकारी छत्तीसगढ़ में हुई तब रायगढ़ जिले, खरसिया तहसील के सामाजिक कार्यकर्ता एवं प्रगतिशील छत्तीसगढ़ सतनामी समाज संगठन तेलीकोट के तत्कालीन अध्यक्ष राकेश नारायण बंजारे ने छत्तीसगढ़ में भी विद्यार्थी दिवस हर्षोल्लास से मनाए जाने का आह्वान किया।
सर्वप्रथम श्री राकेश नारायण ने समाजसेवी, साहित्यकारों एवं समाज के जागरूक लोगों के बीच इस बात को रखा कि विद्यार्थी दिवस की क्या अहमियत है।

उन्होंने लोगों को बताया कि बाबा साहब डॉ. अम्बेडकर ने सतारा शहर में राजवाड़ा चौक पर स्थित गव्हर्नमेंट हाईस्कूल (प्रतापसिंह हाईस्कूल) में 7 नवंबर 1900 के दिन प्रथम बार स्कूल की पहली कक्षा में प्रवेश लिया था। इसी दिन से उनके शैक्षिक जीवन की शुरुआत हुई थी। उस समय स्कूल में उनका नाम ‘भिवा रामजी आंबेडकर’ था जो रजिस्टर में क्रमांक- 1914 में दर्ज है। 07 नवंबर 1900 को भीमराव अम्बेडकर ने पहली बार स्कूल में प्रवेश लिया था और पूरा इतिहास गवाह है कि उनके द्वारा स्कूल में प्रवेश कर कड़ी मेहनत के बदौलत करोड़ों लोगों के जीवन में ऐतिहासिक परिवर्तन आया। स्कूल प्रवेश की इस घटना के स्मरण के रूप में और विद्यार्थियों को ‘केवल शिक्षा ही उन्नति का एकमात्र साधन है, और इसके कठिन परिश्रम की जानकारी प्राप्त कराने हेतु महाराष्ट्र सरकार ने इस दिवस को विद्यार्थी दिवस के रूप में मनाने का निर्णय लिया।


छत्तीसगढ़ में भी विद्यार्थी दिवस की महत्ता स्थापित करने व इसके प्रचार-प्रसार के लिए 07 नवंबर 2017 को पहली बार विद्यार्थी दिवस मनाया गया।
राकेश नारायण बंजारे के नेतृत्व में स्टेशन चौक खरसिया से डॉ अम्बेडकर चौक तक कैंडल मार्च का आयोजन किया गया जिसमें समाजसेवी इंद्रा बघेल, कवयित्री प्रियंका गुप्ता प्रिया, डीपी गर्ग, सोहनलाल मेहरा, पुनेश्वर महिलांगे, मनमोहन सिंह ठाकुर, उमेश राठौर, राकेश घृतलहरे, मोहन भारद्वाज, अरविंद बंजारे, संतोष ठाकुर, अरुण सोनवानी, पुरुषोत्तम गुप्ता, केशव खंडेल, पूर्णिमा कुर्रे, दिलीप कुर्रे, श्याम बंजारे, युवराज बंजारे, गजेन्द्र जोल्हे सहित शताधिक लोग सम्मिलित हुए। हाथों में कैंडल थामें नन्हे बच्चों ने भी ‘जय भीम’, ‘जय संविधान’, ‘बाबा साहब अमर रहें’, ‘विद्यार्थी दिवस अमर रहे’ के नारों के साथ कैंडल मार्च में हिस्सा लिया। कैंडल मार्च डॉ अम्बेडकर चौक खरसिया पहुंच कर एक छोटी सभा मे परिवर्तित हो गई जिसे उपस्थित बुद्धिजीवियों ने संबोधित किया। वक्ताओं ने अपने उद्बोधन में विद्यार्थी दिवस की जानकारी देते हुए शिक्षा की महत्ता पर अपने विचार रखे। डॉ अम्बेडकर के विद्यार्थी जीवन के संघर्षों को याद करते हुए तमाम परेशानियों से दो-चार होते हुए भी शिक्षा प्राप्ति हेतु संघर्ष जारी रखने की सीख ग्रहण की गई।


07 नवंबर 2017 को खरसिया में विद्यार्थी दिवस मनाए जाने की शुरुआत होने पर यह निर्णय लिया गया कि प्रत्येक वर्ष इस दिवस को विद्यार्थियों के बीच मनाया जाएगा। तब से इसे बच्चो के बीच कापी, कलम, पेंसिल, कम्पास, पुस्तकें एवं अन्य शैक्षणिक साम्रगी वितरित करते हुए मनाई जा रही है।
2017 में विद्यार्थी दिवस छत्तीसगढ़ में केवल खरसिया में मनाए जाने की सूचना प्राप्त हुई थी लेकिन उसके बाद आने वाले वर्षों 2018, 2019 एवं इस वर्ष 2020 में छत्तीसगढ़ के विभिन्न स्थानों पर इसके आयोजन की जानकारी प्राप्त होने लगी।


छत्तीसगढ़ में इस आयोजन की शुरुआत करने वाले युवा लेखक, सामाजिक कार्यकर्ता एवं प्रगतिशील छत्तीसगढ़ सतनामी समाज संगठन खरसिया पदाधिकारी राकेश नारायण बंजारे ने बताया कि विद्यार्थी दिवस पूर्णतः विद्यार्थियों को समर्पित करते हुए मनाया जाना चाहिए। इस दिवस प्रत्यक्ष बच्चों के बीच पहुंच कर शिक्षा की महत्ता, विद्यार्थी जीवन के संघर्ष और उन चुनौतियों से निपटने के साहस की सीख एवं महापुरुषों के संघर्षों की बातें रखीं जानीं चाहिए। विद्यार्थियों को इस बात के लिए विश्वास में लेनी चाहिए कि शिक्षा द्वारा हम अपने जीवन में आमूलचूल परिवर्तन ला सकते हैं। उचित शिक्षा ही हमारे भविष्य का निर्धारण करता है। इस दिवस बच्चों को पेन, कापी, शैक्षणिक साम्रगी प्रदान कर शिक्षा के लिए प्रोत्साहित करनी चाहिए।

प्रमोद सोनवानी के रिपोर्ट

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button