शिक्षकों की लापरवाही… जिले के विकास खंड फरसाबाहर के इस माध्यमिक शाला के बच्चों को अपने स्कूल का नाम तक मालूम नहीं। एक तरफ जिले मे शिक्षा अधिकारी कुर्सी दौड़ प्रतियोगिता मे व्यस्त और दूसरी तरफ शिक्षकों की निष्क्रियता ..ना तो पाठ्यक्रम के आधार पर कोर्स पूरा हुआ ना ही…. पढ़िए पूरी खबर
जशपुर जिले के विकास खंड फरसाबाहर के शासकीय पूर्व माध्यमिक शाला मे शिक्षकों के द्वारा बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है। जिले मे एक तरफ तो शिक्षा के आला अधिकारिओं मे कुर्सी दौड़ की प्रतियोगिता चल रही है वहीं दूसरी और इस प्रतियोगिता का असर गांव देहातों की स्कूलों मे दिखाई दे रहा है। हम ऐसा कहने मे इसलिए मज़बूर हैं क्यूंकि विकासखंड फरसाबाहर के शासकीय पूर्व माध्यमिक शाला घासीमुंडा मे मासूम बच्चों के शिक्षा के अधिकार को ही यहाँ के पदस्थ शिक्षकों के द्वारा छीना जा रहा है। एक तरफ तो जिले मे 10-12 वीं के परीक्षा का बुखार चढ़ चुका है और जिम्मेदार आला अधिकारिओं के द्वारा मिशन 40 डेज अभियान चलाया जा रहा है, ताकि परीक्षाफल अच्छा हो सके वहीं दूसरी और माध्यमिक शाला घासीमुंडा मे पाठ्यक्रम का बहुत खस्ता हाल है
माध्यमिक शाला घासीमुंडा मे पाठ्यक्रम का यह हाल है जब हमारी टीम द्वारा पड़ताल की गई तो कक्षा आठवीं के बच्चो ने बताया जनवरी माह तक हिंदी में अध्याय 4 ,गणित की 5 अध्याय, सामाजिक विज्ञान केवल 3 अध्याय, का ही पढ़ाई हो पाया है। अब सवाल यह है की आठ माह तक शिक्षक क्या कर रहे थे? जब हमने वहां उपस्थित एक शिक्षिका से बात की तो उन्होंने बताया कि बाकी कक्षाओं के पाठ्यक्रम का भी यहीं हाल है। शिक्षका का कहना था कि मे विज्ञानं और संस्कृत विषय पढ़ाती हूँ। लेकिन बाकी दो शिक्षकों मे एक शिक्षक लम्बे समय से बीमार चल रहे है और एक शिक्षक संकुल समनवयक है। शिक्षिका ने कहा कि संकुल समन्वयक स्कूलों का निरिक्षण करने के पश्चात शाला आकर बच्चों को पढ़ाते हैं, अब ऐसे मे सवाल यह है कि अगर इसी गति से पढ़ाई होगी तो बच्चों के शिक्षा सत्र को दो वर्ष का करना होगा। अब देखना यह होगा कि खबर प्रकाशन के पश्चात क्या बच्चों के सिलेबस पुरे होंगे या कागजों मे ग्रेडिंग देकर आगे की कक्षाओं मे भेज दिया जाता है?
जब इस विषय पर विकासखंड फरसाबाहर मे नव पदस्थ बी ई ओ से संपर्क किया गया तो उनसे संपर्क नहीं हो पाया